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हवाना सिंड्रोम की चपेट में भारत यात्रा से लौटा US अधिकारी, जानिए क्या है ये बीमारी - Havana syndrome symptoms

हवाना सिंड्रोम एक रहस्यमय बीमारी है, जिसने देश और विदेश में अमेरिकी राजनयिकों, जासूसों और अन्य सरकारी कर्मियों को अपनी चपेट में लिया है. सीएनएन ने तीन सूत्रों ने हवाले से बताया कि अधिकारी को चिकित्सकीय मदद लेनी पड़ी. अधिकारी का नाम उजागर नहीं किया गया है.

हवाना सिंड्रोम
हवाना सिंड्रोम

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Published : Sep 21, 2021, 7:30 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (Central Inteligence Agency-CIA) के निदेशक विलियम बर्न्स के साथ इस महीने भारत की यात्रा पर गए एक खुफिया अधिकारी ने हवाना सिंड्रोम (hawana syndrome) की तरह प्रतीत होने वाले लक्षणों की शिकायत की है. अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

हवाना सिंड्रोम एक रहस्यमय बीमारी है, जिसने देश और विदेश में अमेरिकी राजनयिकों, जासूसों और अन्य सरकारी कर्मियों को अपनी चपेट में लिया है. सीएनएन ने तीन सूत्रों ने हवाले से बताया कि अधिकारी को चिकित्सकीय मदद लेनी पड़ी. अधिकारी का नाम उजागर नहीं किया गया है.

एक सूत्र ने बताया कि इस घटना ने अमेरिका सरकार (US Govt) को चिंतित कर दिया है और बर्न्स इससे अत्यंत ''क्रोधित' हैं. दो अन्य सूत्रों के हवाले से बताया गया कि CIA के कुछ अधिकारियों का मानना है कि इस घटना के जरिए बर्न्स को एक सीधा संदेश दिया गया है कि देश की शीर्ष खुफिया एजेंसी के लिए प्रत्यक्ष रूप से काम करने वालों समेत कोई भी सुरक्षित नहीं है.

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने बताया कि घटना की अभी जांच की जा रही है. अधिकारी अभी यह पता नहीं लगा पाए हैं कि क्या CIA अधिकारी को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि वह निदेशक बर्न्स के साथ यात्रा पर था या उसे किसी अन्य कारण से निशाना बनाया गया.

CIA की एक प्रवक्ता ने भारत में यह मामला होने की पुष्टि करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि अमेरिकी सरकार और एजेंसी हर घटना को गंभीरता से ले रही है.

एनबीसी न्यूज ने एक प्रवक्ता के हवाले से कहा कि निदेशक बर्न्स ने यह सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है कि अधिकारियों की आवश्यक देखभाल की जाए और हमें इसकी तह तक जाना होगा.

उन्होंने कहा कि हमने घटनाओं के मूल का पता लगाने के प्रयासों को तेज कर दिया है, जिसमें हमारे सबसे अच्छे विशेषज्ञों की एक टीम को एकत्र करना शामिल है. इस मुद्दे को उसी विशेषज्ञता और गहनता से सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है, जैसा (ओसामा) बिन लादेन को खोजने के हमारे प्रयासों के दौरान किया गया था. सीएनएन ने बताया कि भारत में इस घटना के नाटकीय प्रभाव होंगे. अमेरिकी अधिकारियों में इस बात को लेकर गहरी चिंता है कि अपराधियों को यात्रा के बारे में पता कैसे चला और वे इस हमले की योजना कैसे बना पाए.

रिपोर्ट में बताया गया कि बर्न्स के साथ आए एवं हवाना सिंड्रोम की शिकायत करने वाले व्यक्ति को अमेरिका लौटने के बाद तत्काल चिकित्सकीय मदद दी गई. बर्न्स ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अफगानिस्तान संकट पर गहन वार्ता की थी. कई अन्य अधिकारियों के साथ CIA प्रमुख ने भारत की एक गुपचुप यात्रा की थी, जिसमें अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों को वापस बुलाए जाने के बाद हालात पर चर्चा की गई थी.

इस यात्रा के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी दूतावास ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. इस मामले में भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान ने भी कोई टिप्पणी नहीं की.

बता दें कि, हवाना सिंड्रोम का सार्वजनिक रूप से पहली बार पता 2017 में चला था, जब क्यूबा में तैनात अमेरिकी राजनयिकों और अन्य सरकारी कर्मियों ने अजीब आवाजों को सुनने के बाद असामान्य शारीरिक संवेदनाओं को महसूस किया. चीन और वाशिंगटन डीसी में भी अमेरिकी सरकारी कर्मियों ने इस प्रकार की शिकायत की थी.

उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) की यात्रा से पहले पिछले महीने के अंत में हनोई में हवाना सिंड्रोम की घटनाओं के बाद वियतनाम से कम से कम दो अमेरिकी राजनयिकों को निकाला गया था. बर्न्स और नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक एवरिल हैन्स की अगुवाई में अमेरिकी खुफिया समुदाय ने रहस्यमय हमलों की व्यापक जांच की है, जिसमें इसके संभावित कारणों की 100-दिवसीय जांच भी शामिल है, जो इस गर्मी की शुरुआत में आरंभ की गई थी.

CIA के एक प्रवक्ता ने सीएनएन से कहा कि हम विशिष्ट घटनाओं या अधिकारियों पर टिप्पणी नहीं करते. जब कोई व्यक्ति स्वास्थ्य संबंधी असामान्य परेशानियों की शिकायत करता है तो उसके लिए हमारा एक प्रोटोकॉल हैं, जिसके तहत उसे उचित उपचार मुहैया कराया जाना शामिल है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत से जुड़ी इस घटना ने सवाल उठाया है कि क्या किसी विदेशी शत्रु ने CIA निदेशक के कर्मियों को जानबूझकर निशाना बनाया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि एजेंसी इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में इसका क्या कारण हो सकता है. हवाना सिंड्रोम से पीड़ित बहुत से लोग चक्कर आना, थकान महसूस होना, उबकाई आना और तेज सिरदर्द होने की शिकायत करते हैं. कुछ लोग इसे विस्फोट की अदृश्य लहर की चपेट में आने जैसा बताते हैं. इनमें से कुछ लोग अब काम करने में सक्षम नहीं है. कुछ पीड़ितों के मस्तिष्क को स्थायी नुकसान पहुंचा है.

कई अमेरिकी अधिकारियों को संदेह है कि ये घटनाएं रूसी जासूसों द्वारा किए गए हमले या निगरानी अभियान का परिणाम हैं, लेकिन यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ने पिछले साल एक रिपोर्ट में कहा था कि इसका संभावित कारण माइक्रोवेव ऊर्जा है, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय में इस निष्कर्ष को लेकर बहस चल रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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