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पर्यावरण बचाने के लिए लड़ रही हैं स्वीडन की ग्रेटा थुनबर्ग, भारत में भी समर्थन

नोबेल पुरस्कार के लिए नामित होने वाली बच्ची ग्रेटा थुनबर्ग की बस एक मांग है. वे चाहती है कि जलवायु परिवर्तन होने से रोका जाए. साथ ही हर कोई ऐसा करने के लिए कदम भी उठाए. वे इसके लिए 'फ्राईडेज़ फॉर फ्यूचर' नाम का एक अभियान भी चला रही हैं. विस्तार से जानने के लिए कौन है ग्रेटा थुनबर्ग (Greta Thunberg) पढ़ें पूरी खबर...

ग्रेटा थुनबर्ग

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Published : Sep 20, 2019, 6:42 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 8:49 AM IST

न्यूयॉर्क: जलवायु परिवर्तन सारी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या है. देश-विदेश में लोग पर्यावरण के अत्यधिक दोहन का विरोध कर रहे हैं. इन्हीं लोगों में से एक हैं स्वीडन की किशोर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग (Greta Thunberg).

पर्यावरण बचाने के लिए ग्रेटा थुनबर्ग की मुहिम 'फ्राईडेज़ फॉर फ्यूचर' अभियान की हर कोई सराहना कर रहा है. इसी योगदान के लिए ग्रेटा को एमनेस्टी इंटरनेशनल के 'एम्बेस्डर ऑफ कान्शन्स' पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही ग्रेटा नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामित हुई हैं. ग्रेटा का ये अभियान सोशल मीडिया पर #FridaysForFuture से ट्रेंड कर रहा है.

ग्रेटा थुनबर्ग.

लंबे समय से 16 साल की ग्रेटा थुनबर्ग लोगों में बदलाव करने का प्रयास कर रही है. वे अपने हम उम्र बच्चों के साथ घूम कर लोगों को जागरूक कर रही हैं. साथ ही ग्रेटा लोगों से सवाल भी पूछ रही हैं कि इसी तरह से केमिकल उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन होता रहा तो उसका कितना बुरा प्रभाव पड़ने वाला है.

देखें ग्रेटा थुनबर्ग का सफर.

16 वर्षीय ग्रेटा के समर्थन में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग सामने आ रहे हैं. एशिया और प्रशांत क्षेत्र के बच्चों ने शुक्रवार को जलवायु को बचाने के लिए इतिहास के सबसे बड़े वैश्विक प्रदर्शन की शुरुआत की. इसमें उन्होंने मांग की कि पर्यावरणीय आपदा को रोकने के लिए वयस्क अब काम करें.

सिडनी से सियोल, मनीला से मुंबई तक बच्चों ने अपनी साथी किशोरवय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग का समर्थन किया और कार्रवाई की मांग करते हुए पढ़ाई बंद रखी.

जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रदर्शन करते लोग.

ऑस्ट्रेलिया में तीन लाख से अधिक बच्चों, अभिभावक और समर्थकों ने रैली निकाली. यह कार्यक्रम पूरी दुनिया में 5000 कार्यक्रमों की योजना के तहत पहला है, जिसे ‘भविष्य के लिए शुक्रवार’ (Fridays For Future) आंदोलन करार दिया गया है.

उनकी मांग है कि नेता और व्यवसायी वैश्विक तपमान को बढ़ने से रोकने के लिए कदम उठाएं. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वर्तमान रूख से पर्यावरणीय आपदा आएगी.

जलवायु परिवर्तन को लेकर प्रदर्शन करते लोग.

ग्रेटा बुधवार को नौका से न्यूयॉर्क पहुंच गई हैं और उनका कहना है कि यह प्रदर्शन न्यूयॉर्क में समाप्त होगा. जहां करीब 1800 पब्लिक स्कूल के 11 लाख छात्रों को स्कूल नहीं आने की अनुमति दी गई है.

ग्रेटा थुनबर्ग का कहना है कि पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं के समाधानों की 'उपेक्षा' की जा रही है और उसने बच्चों से आगे आने की अपील की है. ग्रेटा समर्थकों से कहती हैं, हर चीज मायने रखती है, आप जो करते हैं वह मायने रखता है.

Last Updated : Oct 1, 2019, 8:49 AM IST

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