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अमेरिका ने कोविड-19 इलाज के लिए रेमडेसिविर दवा को दी मंजूरी - रेमडेसिविर दवा

अमेरिका में कोविड-19 इलाज के लिए एंटिवायरल दवाई रेमडेसिविर को मंजूरी दे दी गई है. यह दवाई संक्रमितों को दी जाएगी. बता दें कि यह पाया गया है कि रेमडेसिविर लेने वाले मरीज इसको न लेने वालों से पहले स्वस्थ हो जाते हैं.

COVID-19 drug antiviral remdesivir
प्रतीकात्मक फोटो

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Published : Oct 23, 2020, 4:08 PM IST

वॉशिंगटन: अमेरिका में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोविड-19 इलाज के लिए पहली दवाई के रूप में एंटिवायरल दवाई रेमडेसिविर को गुरुवार को मंजूरी दे दी. यह दवाई कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को दी जाएगी.

कैलिफोर्निया की जिलियड साइंसेज इंक इस दवाई को 'वेकलुरी' कह रही है और यह पाया गया है कि इस दवाई से मरीज 15 दिन की जगह औसतन 10 दिन में स्वस्थ हो सकते हैं.अमेरिका में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के वृहत अध्ययन में यह बातें सामने आई हैं.

बसंत के मौसम से आपात आधार पर इस दवाई के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है. यह पहली ऐसी दवाई है, जिसे कोविड-19 का इलाज करने के लिए एफडीए ने पूरी तरह से अनुमति दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब इस महीने की शुरुआत में कोविड-19 से पीड़ित हुए थे, तो उन्हें यह दवा दी गई थी.

यह दवाई उन लोगों को दी जा सकती है, जिन्हें संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ गई है और जिनकी उम्र कम से कम 12 साल और वजन कम से कम 40 किलोग्राम है. एफडीए, इसे कम उम्र के मरीजों पर भी पूर्व के आपात नियमों के तहत इस्तेमाल की मंजूरी देगा.

पढ़ें-अमेरिकियों को अप्रैल में उपलब्ध कराई जाएगी कोविड-19 की वैक्सीन

यह दवाई उस एंजाइम का रास्ता बंद करती है, जो कोरोना वायरस की कॉपी बनाने में सहयोग करता है. मरीजों पर इस दवाई के इस्तेमाल से पहले कुछ जांच की जरूरत होगी. इस दवाई का इस्तेमाल मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ करने से मना किया गया है, क्योंकि इससे इसके असरदार होने पर प्रभाव पड़ सकता है.

एक बयान में जिलियड के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मेर्डाड पार्से ने कहा, 'हमें अब जानकारी है और कोविड-19 से लड़ने के लिए जरूरी चीजें भी बन रही हैं.'

उन्होंने बताया कि इस दवाई को 50 देशों में या तो मंजूरी मिल चुकी है या अस्थाई इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. इसकी कीमत अभी विवाद में है, क्योंकि किसी भी अध्ययन में इससे 'जीवित बचने की दर में सुधार' नहीं पाया गया.

हालांकि, पिछले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक वृहत अध्ययन में यह पाया गया कि यह दवाई अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों की मदद नहीं करती है.

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