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कोरोना वायरस के प्रकोप से यूरोप ठप, ट्रंप ने लंबी लड़ाई के लिए आगाह किया

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने नागरिकों को आदेश दिया कि वह मंगलवार से लेकर अगले 15 दिनों तक घरों में ही रहें. साथ ही उन्होंने कहा कि गैर-जरूरी यात्राओं और सामाजिक कार्यक्रम पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

मैक्रों और ट्रंप
मैक्रों और ट्रंप

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Published : Mar 17, 2020, 1:36 PM IST

वाशिंगटन : कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण यूरोप द्वारा अपनी सीमाएं सील करने के बाद फ्रांस में भी पूरी तरह आवाजाही प्रतिबंधित हो गई. वहीं, दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका आने वाले समय में लंबी लड़ाई के लिए तैयारी कर रहा है.

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने नागरिकों को आदेश दिया कि वह मंगलवार से लेकर अगले 15 दिनों तक घरों में ही रहें. साथ ही उन्होंने कहा कि गैर-जरूरी यात्राओं और सामाजिक कार्यक्रम पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

मैक्रों ने कहा कि यूरोपीय संघ की बाहरी सीमाएं मंगलवार से लेकर अगले 30 दिनों के लिए बंद रहेंगी. अब तक 145 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस से दुनियाभर में मौतों का आंकड़ा सात हजार पार कर गया है, जबकि संक्रमितों की संख्या 175,530 से ज्यादा हो गई है.

यूरोप में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के कारण फ्रांस ने भी इटली और स्पेन की तरह प्रतिबंध लागू कर दिए हैं, जो कि युद्ध के समय के अलावा शायद ही कभी देखे गए होंगे. दर्जनों देशों ने अपनी सीमाएं सील करने के साथ ही कर्फ्यू लगाने के अलावा अधिकतर सार्वजनिक कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं.

स्पेन और रूस ने सोमवार को अपनी सीमाएं सील कर दीं जबकि जर्मनी ने आवाजाही को लेकर कड़ी निगरानी शुरू की है.

वहीं, ट्रंप ने अमेरिकी नागरिकों से कहा है कि एक साथ 10 से ज्यादा लोग एकत्र नहीं हों. साथ ही न्यूयॉर्क और राजधानी वाशिंगटन में कड़े ऐहतियाती कदमों के साथ साथ बड़े पैमाने पर पृथक करने की प्रक्रिया जारी है.


ट्रंप जनता को यह समझाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं कि वह संकट का पूरा उपाय कर रहे हैं. उन्होंने जनता से कहा है कि वह महामारी के खिलाफ महीनों लंबे चलने वाले संघर्ष के लिए तैयार रहें.

ट्रंप ने संवाददातओं से कहा, 'अगर हम बहुत अच्छा काम भी करते है तो लोग जुलाई, अगस्त के लिए कह रहे हैं.' इस बीच, उन्होंने वायरस के कारण अमेरिका के 'मंदी की ओर' जाने की आशंका भी जताई.

ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, 'कोविड-19 महामारी एक मानवीय त्रासदी और वैश्विक स्वास्थ्य संकट है, जो विश्व अर्थव्यवस्था के लिए भी प्रमुख जोखिम है.'

वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रोस एडनोम गैबरेयेसस ने हर संदिग्ध संक्रमण के मामले की जांच करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि चीन में दिसंबर में फैले कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कई जानें ली हैं और बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हैं, ऐसे में हर संदिग्ध मामले की जांच जरूरी है.

पढ़ें- कोरोना वायरस : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रद कीं बैठकें

इस बीच, यूरोप में सर्वाधिक प्रभावित इटली में कोरोना वायरस से दो हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. ब्रिटेन ने जहां सभी गैर जरूरी कायर्क्रमों और यात्राओं को रोकने की बात कही है, वहीं स्विट्जरलैंड ने आपातकाल की घोषणा कर दी है.

जर्मनी ने तो सभी चर्च, मस्जिद और धार्मिक सभाओं को बंद करने के साथ ही गैर-जरूरी दुकानों तक को बंद करने के आदेश दे दिए हैं.

भारत में ताजमहल को भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया. आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश ने अधिकतर स्कूलों और मनोरंजन सुविधाओं को बंद कर दिया है.

मध्य-पूर्व में कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित ईरान ने भी चार प्रमुख शिया तीर्थस्थलों को बंद कर दिया है.

कनाडा ने भी फिलहाल अमेरिकियों को छोड़कर सभी विदेशियों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं.

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