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कोरोना के कारण अमेरिका में आ सकती है आर्थिक मंदी

अमेरिका कोरोना वायरस के कारण आर्थिक मंदी का सामना कर सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पूर्व अध्यक्ष जेनेट एल येलन का मानना है कि इस साल की दूसरी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी में कम से कम 30 प्रतिशत की कटौती आ सकती है.

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Published : Apr 8, 2020, 1:20 PM IST

बीजिंग/नई दिल्ली : जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ जेमी मेर्कल ने शेयरहोल्डरों को दिए एक वार्षिक पत्र में अनुमान लगाया कि अमेरिकी अर्थतंत्र मंदी में फंसने वाली है और 2008 वित्तीय संकट के दबाव का सामना करेगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पूर्व अध्यक्ष जेनेट एल येलन का मानना है कि इस साल की दूसरी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी में कम से कम 30 प्रतिशत की कटौती आ सकती है.

इससे पहले अमेरिकी श्रम मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया था कि मार्च में अमेरिका में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत थी, लेकिन येलन ने कहा कि स्थिति इस से और बिगड़ चुकी है। बेरोजगारी दर 12-13 प्रतिशत हो गयी है और यह दर और बढ़ेगी.

उधर जर्मन चांसलर मेर्कल ने कहा कि महामारी का संकट यूरोपीय संघ की स्थापना के बाद सब से बड़ा परीक्षण है. विभिन्न पक्षों को हाथ मिलाकर संकट को दूर करना चाहिए.

जर्मनी यूरोपीय आयोग द्वारा सदस्य देशों को कर्ज देने का स्वागत करता है, ताकि कोविड-19 के महामारी के अर्थतंत्र पर हुए नुकसान को कम कर सके. साथ ही मेर्कल ने कहा कि जर्मनी इस प्रॉजेक्ट के लिए सात अरब यूरो की गारंटी देने को तैयार है.

वहीं इटली के प्रधानमंत्री गिउसेपी कोनते ने मत्रिमंडल की बैठक के बाद टीवी पर भाषण देते हुए कहा कि इटली अर्थतंत्र को प्रेरित करने के लिए सिलसिलेवार कदम उठाएगा और बाजार में कुल 7.5 खरब यूरो डालेगा, यह इटली के इतिहास में सब से बड़े पैमाने वाला आर्थिक हस्तक्षेप कदम होगा.

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