कैलिफोर्निया : चीन-अमेरिका के बढ़ते तनाव के बीच यूएस सचिव माइकल पोम्पिओ ने कहा कि अविश्वास और सत्यापन अब बीजिंग के प्रति वाशिंगटन की नई नीति होगी. उन्होंने सभी देशों से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दबाव बनाने की अपील की और ताकि चीन का व्यवहार बदले और वह रचनात्मक और मुखर हो सके.
माइक पॉम्पियो ने कहा कि चीन की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. कम्युनिस्ट चीन को सही मायने में बदलने का एकमात्र तरीका यही है कि जैसा उनके नेता करते हैं हम भी उनके साथ वैसा ही व्यवहार करें. पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने सोवियत संघ के साथ 'विश्वास लेकिन सत्यापन' के आधार पर काम किया था. लेकिन चीन के साथ हमारी नीति अविश्वास और सत्यापन की होगी. ये बातें पोम्पिओ ने कैलिफोर्निया के योरबा लिंडा में रिचर्ड निक्सन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी में 'कम्युनिस्ट चाइना एंड द फ्री वर्ल्ड्स फ्यूचर' पर बोलते हुए कहा.
उन्होंने कहा, 'हमें दुनिया के मुक्त राष्ट्रों को सीसीपी के व्यवहार में अधिक रचनात्मक और मुखर तरीके से बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, क्योंकि बीजिंग के रवैये से हमारे लोगों और हमारी समृद्धि को खतरा है." पोम्पिओ ने कहा कि "यदि विश्व कम्युनिस्ट चीन को नहीं बदलता है, तो कम्युनिस्ट चीन विश्व को बदल देगा'.
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी आजाद सपनों का होना चाहिए न कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सपनों का. चीन के प्रति हमारा पुराना व्यवहार अब खत्म हो चुका है.
पोम्पियो ने कहा, हमें पुराने व्यवहार को न तो जारी रखना है और न उसपर कायम रहना है. जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि हमें एक ऐसी रणनीति की आवश्यकता है जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था और हमारे मुक्त जीवन को सुरक्षित रख सके. हम अब जानते हैं कि चीन के साथ व्यापार करना एक सामान्य और कानून का पालन करने वाले राष्ट्र के साथ व्यापार करने जैसा नहीं है.