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डिजिटल तौर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र की शुरुआत - United Nations General Assembly

संयुक्त राष्ट्र महासभा के ऐतिहासिक 75वें सत्र की शुरुआत हो गई है. कोरोना वायरस महामारी के चलते यह डिजिटल तौर पर की जा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

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यूएमजीए

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Published : Sep 16, 2020, 12:49 PM IST

Updated : Sep 16, 2020, 2:34 PM IST

न्यूयॉर्क : कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा के ऐतिहासिक 75वें सत्र की शुरुआत हुई. वैश्विक संस्था के 75 साल के इतिहास में पहली बार दुनिया के नेता डिजिटल तरीके से सत्र में शिरकत करेंगे.

इस वार्षिक उच्चस्तरीय सम्मेलन में दुनियाभर के नेता मानव जाति के सामने आने वाले अति गंभीर खतरों पर विचार-विमर्श करेंगे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के नए अध्यक्ष ने सचेत किया है कि एकतरफा कोशिशों से कोविड-19 महामारी और मजबूती से पैर जमाएगी. उन्होंने महामारी के लिए टीकों के निष्पक्ष एवं समान वितरण समेत वैश्विक सहयोग की नई प्रतिबद्धता की अपील की.

तुर्की के राजनयिक और राजनेता वोल्कन बोजकिर ने घोषणा की कि महासभा नवंबर की शुरुआत में कोविड-19 पर उच्च स्तरीय विशेष सत्र का आयोजन करेगी. हालांकि राजनयिकों के अनुसार तारीख आगे भी बढ़ सकती है.

तुर्की के राजनयिक वोल्कन बोजकिर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष के रूप में प्रभार संभाला. उन्होंने नाइजीरिया के तिजानी मुहम्मद-बंदे की जगह ली है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र की शुरुआत

बोजकिर ने संरा के सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों से कहा, 'मेरे अध्यक्षता काल में कोरोना वायरस के प्रभावों से लड़ना मेरी प्राथमिकता होगी.'

उन्होंने कहा, 'कोई भी देश इस महामारी से अकेले नहीं लड़ सकता' और यह सदस्य राष्ट्रों की जिम्मेदारी है कि वे बहुपक्षीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में लोगों के भरोसे को मजबूत करें, जिनके केंद्र में संयुक्त राष्ट्र हो.

उन्होंने कहा कि जब से संकट शुरू हुआ है, बहुपक्षवाद के आलोचक और मुखर हो गए हैं.

बोजकिर ने कहा, 'महामारी के बहाने एकतरफा कदमों को सही ठहाराया जा रहा है और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को कमजोर किया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय संगठनों को धिक्कारा गया और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत पर सवालिया निशान लगाए गए.'

मुहम्मद बंदे ने अपने विदाई भाषण में कहा कि नोवेल कोरोना वायरस के उभरने से यह स्पष्ट हुआ है कि स्वास्थ्य क्षेत्र तथा अन्य क्षेत्रों में भी गहन बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता है जिससे कि विश्व के नेताओं के वादों को लागू किया जा सके.

दुनियाभर में अब तक 2.9 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित करने वाली और 9,31,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाली कोरोना वायरस महामारी के चलते संयुक्त राष्ट्र महासभा का ऐतिहासिक 75वां अधिवेशन ऐसा होगा जो इसके इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया.

पहली बार सम्मेलन के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के राष्ट्र और सरकार प्रमुख, मंत्री तथा राजनयिक न्यूयॉर्क में एकत्रित नहीं होंगे.

विभिन्न देशों के नेता महासभा के सम्मेलनों और विभिन्न बैठकों के लिए पहले से रिकॉर्ड किये गये वीडियो वक्तव्य देंगे. संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में यह पहली बार होगा जब उच्च स्तरीय सप्ताह मौटे तौर पर ऑनलाइन आयोजित हो रहा है.

संरा महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यूएनजीए सत्र के आरंभ में अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अब तक के इतिहास में यह वर्ष सबसे कठिन होगा क्योंकि देशों को कोविड-19 महामारी के तत्काल प्रभाव के संबंध में कदम उठाने हैं, स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना है और टीकों एवं उपचार के विकास एवं समान विकास को समर्थन देना है.

उन्होंने कहा कि महामारी का प्रभाव, इसका सामाजिक एवं आर्थिक असर तथा अन्य वैश्विक चुनौतियां एवं चलन से हम अनजान हैं और हमारी एकमात्र उम्मीद यह है कि हम एकजुट होकर इसे लेकर प्रतिक्रिया दें और सर्वाधिक संवेदनशील लोगों का समर्थन करें.

यूएनजीए अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने व्यक्तिगत उपस्थिति बैठकों के महत्व को रेखांकित किया और ऐसी अधिकाधिक बैठकें करने की अपनी मंशा दोहराई.

पढ़ें :-26 सितंबर को पीएम मोदी यूएन महासभा को कर सकते हैं संबोधित

संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर महासभा की उच्च स्तरीय बैठक 21 सितंबर को संभावित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 सितंबर को पहले से रिकॉर्ड किए गए वक्तव्य से सत्र को संबोधित कर सकते हैं.

सभा के 75वें सत्र की महा चर्चा 22 सितंबर से 29 सितंबर तक चलेगी.

Last Updated : Sep 16, 2020, 2:34 PM IST

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