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अमेरिका में भी उठने लगी टिक टॉक पर प्रतिबंध की मांग - अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन

अमेरिका में भी टिकटॉक पर प्रतिबंध की मांग उठ रही है. रिपब्लिकन पार्टी के सांसद रिक क्रोफोर्ड ने कहा, टिकटॉक को बैन किया जाना ही चाहिए और इसे तो पहले ही प्रतिबंधित कर देना चाहिए था. अमेरिकी सांसदों ने माना कि छोटे छोटे वीडियो शेयर करने वाले एप किसी भी देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं.

अमेरिका में भी टिकटॉक पर प्रतिबंध की मांग
अमेरिका में भी टिकटॉक पर प्रतिबंध की मांग

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Published : Jul 1, 2020, 7:40 PM IST

वाशिंगटन : भारत में टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध की चर्चा अमेरिका में भी हो रही है और कुछ सांसद इसका समर्थन कर रहे हैं. इन सासंदों ने अमेरिकी सरकार से इस पर विचार करने की अपील की है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि छोटे छोटे वीडियो शेयर करने वाले ऐप किसी भी देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं.

भारत ने सोमवार को टिकटॉक, यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप को यह कहते हुए प्रतिबंधित कर दिया कि यह देश की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के लिए नुकासनदेह हैं.

यह प्रतिबंध लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के, चीनी सैनिकों के साथ चल रहे गतिरोध के बीच लगाया गया है. इन प्रतिबंधित ऐप की सूची में वीचैट और बिगो लाइव भी शामिल हैं.

रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जॉन कॉर्निन ने द वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक खबर को टैग करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि खूनी झड़प के बाद भारत ने टिकटॉक और दर्जनों चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया.

वहीं रिपब्लिकन पार्टी के ही सांसद रिक क्रोफोर्ड ने कहा, टिकटॉक को जाना ही चाहिए और इसे तो पहले ही प्रतिबंधित कर देना चाहिए था.

पिछले सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने आरोप लगाया था कि चीनी सरकार टिकटॉक का इस्तेमाल अपने उद्देश्यों के लिए कर रही है.

अमेरिकी संसद में कम से कम वैसे दो विधेयक लंबित हैं जिनमें संघीय सरकारी अधिकारियों को अपने फोन पर टिकटॉक का इस्तेमाल करने से रोकने के प्रावधान हैं. इससे लगता है कि भारत के कदम के बाद अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध की मांग जोर पकड़ सकती है.

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