वॉशिंगटन : अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर प्रदर्शनकारियों से भरी सड़कों को सेना का 'युद्ध मैदान' कहने के लिए आलोचनाओं के घेरे में हैं और उन पर सेना को राजनीति से दूर रखने में विफल रहने का आरोप लगाया जा रहा है.
एस्पर ने देश में सड़कों पर प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना का पूरी तरह इस्तेमाल करने की ट्रंप की चेतावनियों से दूरी बना ली थी. राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि अगर राज्य के गवर्नर हिंसा नहीं रोक सके तो वह सभी उपलब्ध सैन्य बलों का इस्तेमाल करेंगे.
हालांकि एस्पर ने बुधवार को पेंटागन के उस फैसले को बदल दिया कि वॉशिंगटन इलाके से ड्यूटी पर तैनात सैकड़ों सैनिकों को घर भेजा जाएगा.
सेना के मंत्री रयान मैक्कार्थी ने बताया कि एस्पर के ह्वाइट हाउस में एक बैठक में भाग लेने के बाद रुख में बदलाव आया है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या एस्पर ने ट्रंप से मुलाकात की और किस वजह से उनके रुख में बदलाव आया है.
एस्पर के ट्रंप के साथ खड़े होने के बारे में पूछे जाने पर बुधवार को ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मेकनैनी ने कहा, 'अगर उनका रक्षा मंत्री एस्पर से भरोसा खत्म हो चुका होता तो मुझे विश्वास है कि आपको सबसे पहले पता चलता. अभी के लिए एस्पर रक्षा मंत्री हैं और अगर राष्ट्रपति का उन पर से भरोसा उठ जाएगा तो हमें भविष्य में इसके बारे में पता चलेगा.'