हैदराबाद : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव से निपटने के लिए दो हजार अरब डॉलर के भारी-भरकम बुनियादी ढांचा कोष का प्रस्ताव रखा है. इसके साथ ही रेस्टोरेंट और मनोरंजन उद्योग के लिए राहत उपायों की बात भी कही गई है.ट्रंप का यह प्रस्ताव 2,200 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज पारित किए जाने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसके तहत चार लोगों के अमेरिकी परिवार को औसतन 3,200 अमेरिकी डॉलर मिलेंगे और छोटे तथा मझोले उद्योगों, बड़े निगमों और यात्रा तथा पर्यटन उद्योग के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता दी जाएगी.
राहत पैकेज 27 मार्च को लागू किया गया था. राहत पैकेज लागू होने के समय अमेरिका में 103,942 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे और 3.3 मीलियन लोग आधिकारिक तौर पर बेरोजगार के रूप में पंजीकृत थे. दो खरब अमेरिकी डॉलर में से सिर्फ 25 बिलियन डॉलर यात्री एयरलाइनों को आवंटित किए गए थे, लेकिन वाशिंगटन डीसी के पर्यावरणविदों और उनके सहयोगियों के लिए यह बड़ा झटका था.
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए यात्रा प्रतिबंधों को लागू किया गया था, जिसके कारण एयरलाइन उद्योग को नुकसान हो रहा है. एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के अनुसार, जून के अंत तक की लगभग 1.1 मिलियन उड़ानें विश्वस्तर पर रद कर दी गई हैं. एयरलाइन उद्योग इस वर्ष 250 बिलियन डॉलर से अधिक के राजस्व घाटे का अनुमान लगा रहा है.
महामारी ने समाज के लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जिसमें जलवायु भी शामिल है. महामारी को रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन कर दिया गया है, जिसके कारण हर तरह की गतिविधियां कम हो गई है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके कारण चीन, इटली और न्यूयॉर्क शहर में वायु प्रदूषण में कमी आई है. शोधकर्ताओं का कहना है कि 2020 में दुनियाभर में ग्रीनहाउस गैसों में भारी कमी आएगी. ग्रीनहाउस गैसों में इतनी कमी 2008 में आई मंदी के दौरान आई थी.