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वैश्विक साइबर अपराध के लिए कनाडाई व्यक्ति को 140 महीनों की जेल - global cyber crime

अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, अलॉमारी और अन्य साजिशकर्ताओं ने पीड़ितों से पैसा चुराने के लिए बिजनेस ईमेल योजनाओं (Business e-mail scheme), एटीएम कैश-आउट (ATM Cash-out) और बैंक साइबर-डकैती (Bank Cyber-Dacoit) का इस्तेमाल किया तथा इसके बाद बैंक खातों और डिजीटल मुद्रा के जरिए धन शोधन किया.

वैश्विक साइबर अपराध
वैश्विक साइबर अपराध

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Published : Sep 9, 2021, 5:43 PM IST

वाशिंगटन : कनाडा के एक व्यक्ति को इंटरनेट और बैंक धोखाधड़ी के मामलों (Internet and bank fraud cases) में लाखों डालर के धन शोधन की साजिश के सिलसिले में बुधवार को 140 महीनों की जेल की सजा सुनाई गई. इन अपराधों का शिकार भारत का एक बैंक भी बना. कनाडा और अमेरिका की दोहरी नागरिकता वाले गालिब अलॉमारी (36) ने दो मामलों में धन शोधन का आरोप स्वीकार किया था जिसके बाद उसे सजा सुनाई गई.

अदालत ने बताया कि उसे पीड़ितों को क्षतिपूर्ति के तौर पर तीन करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि देने का आदेश दिया गया है. अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, अलॉमारी और अन्य साजिशकर्ताओं ने पीड़ितों से पैसा चुराने के लिए बिजनेस ईमेल योजनाओं (Business e-mail scheme), एटीएम कैश-आउट (ATM Cash-out) और बैंक साइबर-डकैती (Bank Cyber-Dacoit) का इस्तेमाल किया तथा इसके बाद बैंक खातों और डिजीटल मुद्रा के जरिए धन शोधन किया.

पढ़ें :वाशिंगटन में भारतीय मूल के पेशेवर को धोखाधड़ी के जुर्म में दो साल की जेल

अदालत ने बताया कि चोरी किए गए पैसों में उत्तर कोरियाई साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) द्वारा किए गए अपराध और पाकिस्तान में 2018 में एटीएम कैश-आउट चोरी शामिल हैं. अलॉमारी के अपराधों के अन्य पीड़ितों में भारत का एक बैंक भी शामिल है. इसके साथ ही अमेरिका और ब्रिटेन की कंपनियां, अमेरिकी नागरिक और ब्रिटेन का एक पेशेवर फुटबॉल क्लब भी शामिल है.

(पीटीआई-भाषा)

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