वॉशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने 2021 वित्तीय वर्ष के बजट आवंटन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए 1.5 अरब डॉलर का प्रस्ताव किया है. प्रशासन ने कहा है कि चीन के बुरे प्रभावों से क्षेत्र के मुक्त एवं स्वतंत्र बने रहने को सुनिश्चित करने के लिए यह अमेरिका के प्रयासों का हिस्सा है.
उल्लेखनीय है कि चीन संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका चाहता है कि भारत रणनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी भूमिका बढ़ाए.
चीन, दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से पर दावा करता है और वहां सैन्य ठिकानें एवं कृत्रिम द्वीप बना रहा है. अमेरिका का आरोप है कि चीन दक्षिण चीन सागर पर दावेदारी को लेकर वियतनाम, ताइवान, फिलीपीन, मलेशिया और ब्रुनेई को धमका रहा है.
ह्वाइट हाउस ने एक अक्टूबर, 2020 से शुरू हो रहे 2021 वित्तीय वर्ष के लिए अपने बजट प्रस्ताव में कहा, 'हिंद-प्रशांत का भविष्य, जहां विश्व की करीब आधी आबादी और तेजी से विकसित हो रही ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं मौजूद हैं, वह अमेरिकी सुरक्षा और दीर्घकालिक आर्थिक हित के लिए महत्त्वपूर्ण हैं.'
इसने कहा, 'बजट में हिंद-प्रशांत के लिए 1.5 अरब डॉलर का प्रावधान किया गया है जो क्षेत्र को चीन के बुरे प्रभाव से मुक्त एवं स्वतंत्र बनाने की (ट्रंप) प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.'
व्हाइट हाउस ने बताया, 'इस धन से लोकतांत्रिक कार्यक्रमों, सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने, आर्थिक शासन में सुधार करने और निजी क्षेत्र नीत आर्थिक विकास में मदद की जाएगी.'