वॉशिंगटन :अमेरिका अफगानिस्तान में बचे शेष सैनिकों को वापस बुलाने की योजना को तीन महीने टाल दिया है. बाइडेन ने संवादताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 9/11 की बरसी से पहले हम अपने सैनिकों को वापस बुला लेंगे.
बाइडेन ने कहा कि हमारे सहयोगी और साझेदार लगभग 20 वर्षों से अफगानिस्तान में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. उन्होंने हमारे साझा मिशन के लिए जो योगदान दिया है. इसके लिए उन्होंने जो बलिदान दिया है, उसके लिए हम उनका बहुत आभारी हैं.
इससे पहले अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) के निदेशक विलियम बर्न्स ने कहा है कि अफगानिस्तान में शांति सुनिश्चित करने के राजनयिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बनाता रहेगा.
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान के दीर्घकालिक हित में है कि उसके युद्धग्रस्त पड़ोसी देश में असुरक्षा और अस्थिरता नहीं रहे क्योंकि इससे स्वयं उसके अपने हित प्रभावित होंगे. बर्न्स हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष एडम शिफ के सवाल का जवाब दे रहे थे.
गुरुवार को एक बैठक में शिफ ने पूछा था कि अफगानिस्तान से हमारे सैनिकों की वापसी का आपके खयाल से पाकिस्तान से तालिबान के संबंधों, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क और अन्य से संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अमेरिकी सेना की अनुपस्थिति में इनमें क्या बदलाव आएगा?
इस पर बर्न्स ने कहा कि राजनयिक प्रयासों के समर्थन में आज पाकिस्तान सकारात्मक भूमिका निभा रहा है, कम से कम उन प्रयासों में जो अमेरिका तथा अन्य देश कर रहे हैं ताकि अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच जो गहरी खाई है से पाटी जा सके.