न्यूयॉर्क :अमेरिकी नेशनल पोल में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन को डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लगभग 8 अंकों की बढ़त के बावजूद, प्रमुख वोटिंग ब्लॉक में बाइडन, कमला हैरिस को अमेरिकी मतदाताओं का पूरी तरह से समर्थन हासिल नहीं है और यह अंतर अब भी डेमोक्रेट को ट्रंप के खिलाफ सुरक्षित रूप से जीताने के लिए पर्याप्त नहीं है.
अगर 2020 की दौड़ कड़ी है, तो ट्रंप के अश्वेत समर्थन को गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है. हाल के पोल के अनुसार अश्वेतों के बीच बाइडन की पकड़ ट्रंप के 10 प्रतिशत के मुकाबले 80 प्रतिशत है. अमेरिकी पोलस्टर जॉन जोगबी के अनुसार यह चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त नहीं है.
2016 के चुनाव का विश्लेषण करने वाले शोधकर्ताओं ने तर्क दिया है कि हिलरी क्लिंटन मिशिगन और पेंसिल्वेनिया जीत सकती थीं, अगर उन्हें सिर्फ अश्वेत मतदाताओं का वैसा ही समर्थन मिलता जैसे उन्होंने बराक ओबामा को दिया था. ओबामा को उन राज्यों में लगभग 95 प्रतिशत अश्वेतों के वोट मिले थे, जबकि क्लिंटन 90 प्रतिशत के करीब रही थीं.
जोगबी ने मीडिया को बताया, 'इसका मतलब है कि सबसे पहले जो बाइडन को अश्वेतों के बीच 81 प्रतिशत समर्थन नहीं, बल्कि लगभग 90 प्रतिशत समर्थन चाहिए. हमने देखा कि 2016 में हिलेरी क्लिंटन का 89 प्रतिशत भी डोनाल्ड ट्रंप को मात देने के लिए पर्याप्त नहीं था. पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, नॉर्थ कैरोलाइना जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर अश्वेत मतदान करते हैं. अगर डोनाल्ड ट्रंप अश्वेतों का 14 प्रतिशत वोट हासिल कर लेते हैं, तो इससे डेमोक्रेट के लिए वास्तव में परेशानी हो सकती है.'
न्यूजमैक्स-जॉन जोगबी स्ट्रेटजी के हालिया पोल के मुताबिक अगर आज चुनाव होते हैं, तो ट्रंप को अश्वेतों का 14 फीसदी वोट मिलते. देशभर में 600 अश्वेत मतदाताओं के बीच ऑनलाइन पोल सितंबर 4-7 सितंबर के बीच किया गया था.