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जीत के लिए बाइडन-कमला हैरिस को अश्वेतों के 90 फीसद वोट जरूरी

डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लगभग 8 अंकों की बढ़त के बावजूद, प्रमुख वोटिंग ब्लॉक में बाइडन, कमला हैरिस को अमेरिकी मतदाताओं का पूरी तरह से समर्थन हासिल नहीं है. चुनाव का विश्लेषण करने वाले शोधकर्ताओं का मानना है कि बाइडन-कमला हैरिस को चुनाव में जीत चाहिए, तो उन्हें अश्वेतों के 90 फीसद वोट हासिल करने होंगे.

कमला हैरिस
कमला हैरिस

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Published : Sep 11, 2020, 10:14 PM IST

न्यूयॉर्क :अमेरिकी नेशनल पोल में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन को डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लगभग 8 अंकों की बढ़त के बावजूद, प्रमुख वोटिंग ब्लॉक में बाइडन, कमला हैरिस को अमेरिकी मतदाताओं का पूरी तरह से समर्थन हासिल नहीं है और यह अंतर अब भी डेमोक्रेट को ट्रंप के खिलाफ सुरक्षित रूप से जीताने के लिए पर्याप्त नहीं है.

अगर 2020 की दौड़ कड़ी है, तो ट्रंप के अश्वेत समर्थन को गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है. हाल के पोल के अनुसार अश्वेतों के बीच बाइडन की पकड़ ट्रंप के 10 प्रतिशत के मुकाबले 80 प्रतिशत है. अमेरिकी पोलस्टर जॉन जोगबी के अनुसार यह चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त नहीं है.

2016 के चुनाव का विश्लेषण करने वाले शोधकर्ताओं ने तर्क दिया है कि हिलरी क्लिंटन मिशिगन और पेंसिल्वेनिया जीत सकती थीं, अगर उन्हें सिर्फ अश्वेत मतदाताओं का वैसा ही समर्थन मिलता जैसे उन्होंने बराक ओबामा को दिया था. ओबामा को उन राज्यों में लगभग 95 प्रतिशत अश्वेतों के वोट मिले थे, जबकि क्लिंटन 90 प्रतिशत के करीब रही थीं.

जोगबी ने मीडिया को बताया, 'इसका मतलब है कि सबसे पहले जो बाइडन को अश्वेतों के बीच 81 प्रतिशत समर्थन नहीं, बल्कि लगभग 90 प्रतिशत समर्थन चाहिए. हमने देखा कि 2016 में हिलेरी क्लिंटन का 89 प्रतिशत भी डोनाल्ड ट्रंप को मात देने के लिए पर्याप्त नहीं था. पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, नॉर्थ कैरोलाइना जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर अश्वेत मतदान करते हैं. अगर डोनाल्ड ट्रंप अश्वेतों का 14 प्रतिशत वोट हासिल कर लेते हैं, तो इससे डेमोक्रेट के लिए वास्तव में परेशानी हो सकती है.'

न्यूजमैक्स-जॉन जोगबी स्ट्रेटजी के हालिया पोल के मुताबिक अगर आज चुनाव होते हैं, तो ट्रंप को अश्वेतों का 14 फीसदी वोट मिलते. देशभर में 600 अश्वेत मतदाताओं के बीच ऑनलाइन पोल सितंबर 4-7 सितंबर के बीच किया गया था.

जोगबी इस बात पर ध्यान दिलाते हैं कि बराक ओबामा को 2008 में अश्वेतों के 96 प्रतिशत वोट मिले, 2012 में 93 प्रतिशत प्रतिशत मिले थे. वहीं, 2016 में हिलरी क्लिंटन को ओबामा के मुकाबले काफी कम वोट मिले थे.

यह पूछे जाने पर कि 'ब्लैक लाइव्स मैटर' विरोध प्रदर्शनों ने डेमोक्रेट के लिए समीकरण को कैसे बदल दिया है, तो जोगबी ने विरोध के लिए सड़कों पर उतरने वाले लोगों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि यदि आप प्रदर्शनों को देखते हैं, तो ब्लैक लाइव्स मैटर के लिए प्रदर्शन करने वालों में अधिकांश श्वेत मालूम पड़ते हैं और युवा लोग दिखते हैं. यह बाइडन और हैरिस के लिए छद्म रूप से एक अच्छी बात हो सकती है.

'रियल क्लियर पॉलिटिक्स' के पोल का औसत बाइडन को 7.5 अंकों से आगे रखता है. उस क्लस्टर के भीतर, एक और पोल बाइडन के लिए सबसे अधिक आशाजनक है, जिसने उन्हें ट्रंप से 12 अंक आगे रखा है. छह प्रमुख क्षेत्रों फ्लोरिडा, पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, एरिजोना, उत्तरी कैरोलाइना और विस्कॉन्सिन में बाइडन का कुल लीड औसतन 3.9 अंक हैं.

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जोगबी कहते हैं कि अश्वेतों के बीच जो अनडिसाइडेड वोटर हैं, उनके ट्रंप को समर्थन देने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर मैं 10 प्रतिशत अनडिसाइडेड अश्वेतों को देखता हूं, तो मुझे नहीं लगता कि वे डोनाल्ड ट्रंप के लिए वोट करने जा रहे हैं. यह मुझे बताता है कि अगर उन्होंने बाइडन हैरिस के बारे में अपना मन नहीं बनाया है, तो शायद वह वोट करने नहीं जा रहे हैं. यह 2016 में हुई चीजों में से एक है.

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर अगर डेमोक्रेट को 'अश्वेतों के बीच 90 प्रतिशत से कम वोट मिलता है, तो उनके लिए यह परेशान करने वाली बात होगी.'

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