वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओकलाहोमा रैली के साथ अपने पुनर्निर्वाचन अभियान की शुरुआत कर दी है, जहां उन्होंने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन पर तीखा हमला करते हुए उन्हें वाम खेमे की असहाय कठपुतली करार दिया.
इसी वर्ष तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में 74 वर्षीय ट्रंप के सामने पूर्व उप राष्ट्रपति एवं राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार 77 वर्षीय बाइडेन मैदान में हैं. हालिया चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में ट्रंप अपने प्रतिद्वंद्वी बाइडेन से औसतन आठ प्रतिशत पीछे हैं.
ट्रंप ने ओकलाहोमा के टुलसा शहर स्थित एक इनडोर स्टेडियम में शनिवार को अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, 'बाइडेन कट्टरपंथी वाम खेमे की असहाय कठपुतली हैं. मैं नहीं जानता कि उन्हें अपने बारे में इससे ज्यादा कुछ पता है. वह कट्टरपंथी वामपंथी नहीं हैं, लेकिन कट्टरपंथी वाम खेमे द्वारा नियंत्रित हैं.'
देश के इस साल के शुरू में कोविड-19 महामारी की चपेट में आने के बाद अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने आरोप लगाया कि बाइडेन के अभियान से जुड़े कर्मियों ने यहां तक कि मिनियापोलिस में अराजकता उत्पन्न करने वाले दंगाइयों, लुटेरों और आगजनी करने वालों को काफी धन दान किया है.
अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अब तक एक लाख 19 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है और इसकी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है.
अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद मिनीयापोलिस में हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद वाशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, शिकागो और लॉस एंजिलिस सहित देश के तमाम हिस्सों में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे. राष्ट्रपति ने इसके लिए वामपंथियों को जिम्मेदार बताया है.
ट्रंप ने कहा, 'वाम खेमा हमें रोकने के लिए हर रोज हर दिन हिंसा, उत्पात और लूटपाट सहित सबकुछ करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन हम उनकी धमकियों के आगे नहीं झुकेंगे और उन्हें देश को नष्ट नहीं करने देंगे.'
पढ़ें :जो बाइडेन को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में बढ़त मिलने का अनुमान - सर्वे
राष्ट्रपति ने 100 मिनट से अधिक समय तक चले अपने संबोधन में फर्जी खबर, न्यायाधीशों की नियुक्ति, पुलिस का समर्थन करने और प्रदर्शनकारियों की निंदा करने जैसे अपने पसंदीदा विषयों के बारे में बहुत सी बातें कहीं.
उन्होंने कहा, 'पागल वाम खेमे से जुड़ी भीड़ हमारे इतिहास को नष्ट करने, सुंदर स्मारकों को विरूपित करने, हमारी प्रतिमाओं को उखाड़ फेंकने और ऐसे हर किसी व्यक्ति को दंडित करने तथा मुकदमा चलाने की कोशिश कर रही है जो उनकी मांगों से सहमत नहीं हैं.'