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बाइडेन प्रशासन का फैसला, साइबर हमलों की सूचना देने पर 1 करोड़ डॉलर तक का देंगे पुरस्कार

रैंसमवेयर पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता उत्पन्न करने वाला जबरन वसूली उद्योग बनता जा रहा है. इन अपराधों की कड़ियां जोड़ने पर पता चलता है कि यह पेशेवर उद्योग हैं, जो संगठित अपराध के नियमों से कोसों दूर हैं.

Russian ransomware group, America
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Published : Jul 15, 2021, 8:34 PM IST

बोस्टन: बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी अवसंरचना पर रैंसमवेयर जैसे साइबर हमलों (America Cyberattack) से सबक लेते हुए बड़ा कदम उठाया है. अमेरिकी सरकार ने फैसला किया है कि साइबर हमलों को लेकर किसी विदेशी राष्ट्र की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण सूचना उपलब्ध कराने पर एक करोड़ डॉलर तक का पुरस्कार दिया जाएगा.

बताते चलें कि अमेरिका हाल में रैंसमवेयर (Ransomware Group Revil) हमले का शिकार हुआ था जिसमें हैकर किसी कंप्यूटर/वेबसाइट प्रणाली को हैक कर उसे ठीक करने के बदले में बड़ी रकम मांगते हैं. व्हाइट हाउस ने ऐसे हमलों को रोकने के प्रयासों में समन्वय के लिए एक कार्यबल की शुरुआत की है.

वित्त विभाग के फाइनेंशियल क्राइम्स एन्फोर्समेंट नेटवर्क ने गुरुवार को एक और महत्वपूर्ण घोषणा की जिसमें कहा गया कि क्रिप्टोकरेंसी धनशोधन नियंत्रण और रैंसमवेयर हमला करने वालों का पता लगाने के लिए बैंकों, प्रौद्योगिकी कंपनियों तथा अन्य कंपनियों की मदद ली जाएगी. नए कदमों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त होने की उम्मीद है.

पढ़ें: रैंसमवेयर हमले में अमेरिका को मामूली नुकसान हुआ : बाइडेन

कैसे होते हैं रैंसमवेयर हमले

2012 से 2021 के बीच करीब 4000 हमलों के विश्लेषण के बाद इंग्लैंड की वेस्ट यॉर्कशायर की लीड्स यूनिवर्सिटी में अपराध विज्ञान के प्रोफेसर डेविड एस वॉल बताते हैं सबसे पहले अपराधी संभावित पीड़ितों की पहचान कर उनके नेटवर्क में सेंध लगाते हैं.

फिर हैकर लॉग इन जानकारी हासिल कर पहुंच बनाते हैं. पहुंच मिलने पर हमलावर पीड़ित संगठन उन अहम डाटा की ओर बढ़ते हैं कि चोरी से पीड़ित को सबसे ज्यादा नुकसान होगा और फिरौती वसूली जा सके. यही वजह है कि अस्पतालों के चिकित्सा और पुलिस रिकॉर्ड के निशाने पर रहते हैं.

(एपी)

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