वाशिंगटन : डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एवं पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने पर्यूषण और दशलक्षण पर्वों के समापन दिवस पर जैन समुदाय को बधाई दी.
बाइडेन ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, 'कामना है कि हम सबको हमारे जीवन में शांति एवं संतोष मिले. मिच्छामी दुक्कड़म और क्षमावाणी.'
पर्यूषण पर्व के दौरान हर साल जैन श्रद्धालु आठ से 10 दिन तक उपवास और ध्यान करते हैं.
अमेरिका में 1,50,000 से ज्यादा जैन रहते हैं, जो भारत के बाहर समुदाय की सबसे अधिक आबादी है.
जैन आचार्य एवं अहिंसा विश्व भारती आचार्य के संस्थापक, लोकेश मुनि ने बाइडेन के संदेश का स्वागत किया.
जैन आचार्य ने ट्वीट किया, 'इस पावन अवसर पर आपकी शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया बाइडेन. हमें अपनी गलतियों का एहसास करने और क्षमा मांगने के लिए साहसिक बनना चाहिए तथा क्षमा करने के लिए उदार होना चाहिए.'
बाइडेन फॉर प्रेसीडेंट एवं राष्ट्रीय एएपीआई नेतृत्व परिषद के सदस्य अजय भूटोरिया ने कहा कि यह देखना सुखद है कि बाइडेन विश्वभर के समुदायों को मान्यता दे रहे हैं और सभी धर्म, रंग, पंथ एवं मूल स्थान के लोगों को एकजुट कर रहे हैं.
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सिलिकॉन वैली के उद्यमी भूटोरिया ने कहा, 'बाइडेन अमेरिकी नेतृत्व को बहाल कर रहे हैं. वह राष्ट्रपति पद के ऐसे पहले अमेरिकी प्रत्याशी हैं, जिन्होंने जैन समुदाय के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक-अनंत चतुर्दशी को माना. आज सुबह, जो बाइडेन ने पर्यूषण और दशलक्षण के समापन पर जैन समुदाय को बधाई दी और कहा 'मिच्छामी दुक्कड़म और क्षमावाणी.'
जैन शिक्षा एवं शोध संगठन बोर्ड के संस्थापक निदेशक एवं सह-प्रमुख निर्मल वैद ने कहा कि जैन समुदाय बाइडेन के हार्दिक संदेश का स्वागत करता है.