दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

अमेरिका: भारत को अधिक कोविड-19 टीके नहीं भेजने पर बाइडेन प्रशासन की आलोचना

अमेरिका: भारत के सबसे बुरे जन स्वास्थ्य संकट को झेलने के समय में उसे कोविड-19 टीके नहीं भेजने पर कई वर्गों ने बाइडेन प्रशासन की आलोचना की. आलोचना करने वालों में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य एवं समर्थक भी शामिल हैं.

Biden administration criticized
बाइडन प्रशासन की आलोचना

By

Published : Apr 25, 2021, 12:41 PM IST

Updated : Apr 25, 2021, 2:36 PM IST

वॉशिंगटन:भारत जब अपने सबसे बुरे जन स्वास्थ्य संकट को झेल रहा है तब ऐसे समय में उसे अधिशेष (Surplus) कोविड-19 टीके नहीं भेजने के लिए बाइडेन प्रशासन कई वर्गों की आलोचना का सामना कर रहा है. आलोचना करने वालों में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य एवं समर्थक भी शामिल हैं.

लोगों को मदद की जरूरत
भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बाइडेन प्रशासन से उन देशों के लिए एस्ट्राजेनेका टीके की खुराकें देने का आग्रह किया है जो फिलहाल कोविड-19 के घातक रूप से बढ़ते मामलों का सामना कर रहे हैं जिसमें भारत, अर्जेंटीना समेत अन्य देश शामिल हैं. उन्होंने कहा कि जब भारत और दूसरी जगहों पर लोगों को मदद की बहुत जरूरत है तब हम टीकों को गोदाम में यूं ही नहीं रख सकते हैं, हमें उन्हें वहां पहुंचाना होगा जहां उनसे जानें बच सकती हैं.

टीकों के निर्यात की जरूरत
उन्होंने अमेरिका के भंडार में एस्ट्राजेनेका टीके की करीब चार करोड़ खुराकें होने का दावा किया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायरस के प्रसार को रोकने और जन स्वास्थ्य तथा हमारी अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए, अमेरिका को इन टीकों को बाहर भेजने की जरूरत है.

25 लाख से अधिक संक्रमित
बता दें, शनिवार को भारत में कोरोना वायरस के 3,46,786 मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामले 1,66,10,481 हो गए जबकि 25 लाख से अधिक मरीज अब भी संक्रमण की चपेट में हैं.

पढ़ें:दिल्ली में एक हफ्ते के लिए बढ़ा लॉकडाउन

दांव पर है महीनों में बनी साख
वहीं, ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट की तन्वी मदान ने भी अपने एक ट्वीट में कहा कि भारत के लोगों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और ईरानी विदेश मंत्री के ट्वीट देखे हैं, रूस और चीन से मदद की पेशकश देखी है जो कि ऐसे देश से भी जिससे उसकी शत्रुता है लेकिन उसे अमेरिका के किसी वरिष्ठ अधिकारी की तरफ से कोई पेशकश नहीं मिली है. बाइडेन प्रशासन पिछले कुछ महीनों में हासिल साख को गंवा रहा है.

खो गए परिवार के पांच सदस्य
यहीं नहीं बल्कि बाइडेन के राष्ट्रपति चुनाव अभियान का हिस्सा रही, भारतीय-अमेरिकी सोनल शाह ने कहा कि उन्होंने भारत में अपने परिवार के पांच सदस्यों को खो दिया है. हमारी सरकार को कुछ करने की जरूरत है.

निर्यात पर प्रतिबंध हटाया
ऐसे ही हेरिटेज फाउंडेशन थिंक टैंक के जेफ एम स्मिथ ने कहा कि यह याद करना बहुत जरूरी है कि जब न्यूयॉर्क और अमेरिका के अन्य हिस्से 2020 के अंत में जन स्वास्थ्य आपदा का सामना कर रहे थे तब भारत सरकार ने घरेलू स्तर पर तमाम आलोचनाएं झेलने के बावजूद हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर से निर्यात प्रतिबंध हटा लिया था.

Last Updated : Apr 25, 2021, 2:36 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details