बलूचिस्तान : बलूच साहित्य के लेखक अकबर बरकजई (Akbar Barakzai) ने बलूचिस्तान में बेहतरीन काम के लिए पाकिस्तान से अकादमिक पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने पुरस्कार न स्वीकार करने के पीछे बलूचिस्तान को अधीन रखने वाली पाकिस्तान सरकार की दमनकारी नीतियों का हवाला दिया है.
बता दें, बरकजई की पुस्तक 'जबान जांती-यू-बालोची जबान जांती' को सैयद जहूर शाह हाशमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था. इसका नाम एक और बलूच विद्वान दार्शनिक और कवि के नाम पर रखा गया है.
जब बरकजई को नामांकन, शैक्षिक पुरस्कार और दो लाख रुपये नकद पुरस्कार के बारे में जानकारी दी गई, तो उन्होंने पाकिस्तानी अकैडमी ऑफ लेटर (पाल) के अध्यक्ष यूसुफ खुश को ई-मेल के माध्यम से नामांकन के लिए धन्यवाद दिया.