दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

ट्रंप-बाइडेन के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां अब तेज होने लगी हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के बीच पहली आधिकारिक प्रेसिडेंशिल डिबेट आज हो रही है.

राष्ट्रपति की बहस
राष्ट्रपति की बहस

By

Published : Sep 30, 2020, 5:56 AM IST

वॉशिंगटन :किसी अन्य चुनावी वर्ष की तरह, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंदी, जो बाइडेन के बीच पहली बहस इस चुनावी रेस में निर्णायक हो सकती है, जिसका इतिहास पूरी तरह से अपरिवर्तित रहा है.

राष्ट्रपति द्वारा कोरोना वायरस से निपटने पर अधिक चर्चा किए जाने की संभावना है. बहस के दौरान महामारी के मद्देनजर दोनों उम्मदीवार पोडियम से दूर रहेंगे और पारंपरिक हैंडशेक भी नहीं करेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 के भाषण के शोर शराबे को काबू में करना मुश्किल रहेगा, कोरोना ने स्कूलों और व्यवसायों को बंद कर दिया है और नस्लीय न्याय विरोध प्रदर्शनों ने पुलिस द्वारा काले लोगों की हाई-प्रोफाइल हत्याओं की एक श्रृंखला के बाद देश में तबाही मचा दी है.

इस तमाम उथल-पुथल के बावजूद राष्ट्रपति पद की दौड़ काफी हद तक अपरिवर्तित रही है, खास कर उस समय से जब मार्च में बिडेन ने डेमोक्रेटिक उम्म्दीवार के तौर पर मैदान में उतरे.

ट्रंप द्वारा महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से लोगों में निराशा है, हालांकि उनके समर्थन का आधार काफी हद तक अपरिवर्तित रहा है. उन्होंने वृद्ध और महिला मतदाताओं के दूर होते देखा है, विशेष रूप से उपनगरों में और 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों पाने का उनका रास्ता सिकुड़ता जा रहा है.

एक दूसरे को पसंद नहीं करने वाले दो लोगों के बीच एक तेज तर्रार बहस का अनुमान लगाए जा रहें हैं.

इस बीच बिडेन के अभियान ने रात में होने वाली डिबेट के महत्व को कम कर दिया है. उनका मानना है कि महामारी और पस्त अर्थव्यवस्था किसी भी बहस के चरण में गलतफहमी को पीछे छोड़ देगी.

पढ़ें - कम कर चुकाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने आजमाए ज्यादा पैंतरे

इसके विपरीत, ट्रंप अभियान ने जंग की भयावहता को निभाया है, उनका विश्वास है कि यह राष्ट्रपति के लिए बिडेन को नुकसान पहुंचाने और दौड़ में बने रहने के लिए महत्वपूर्ण पल होगा.

पोल्स का सुझाव है कि 2016 के अभियान के मुकाबले इस बार अघोषित मतदाता कम हैं. पिछले चुनावों में कई हाई-प्रोफाइल बहसें हुईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उस समय के खेल में इन बहसों का प्रभाव था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details