वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बात को स्वीकार किया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण अमेरिका के लोग थक चुके हैं और उनका मनोबल भी काफी कम हुआ है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे निपटने के लिए उन्होंने 'काफी बेहतर' तरीके से काम किया है. बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के एक वर्ष पूरे होने के मौके पर बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मुद्रास्फीति तथा वैश्चिक महामारी से निपटने का वादा किया और रिपब्लिकन पर नए विचार पेश करने की बजाय उनके प्रस्तावों के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का आरोप लगाया.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मतदाता जरूर उनके कार्यकाल और उनकी संकटग्रस्त पार्टी की स्थिति को समझेंगे. उन्होंने लोगों से धैर्य रखने की अपील की. बाइेन ने यूक्रेन की सीमा पर रूस के 1,00,000 से अधिक सैनिकों को तैनाती और उसके घुसपैठ और बढ़ाने के मुद्दे पर भी बात की. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें लगता है कि रूस और आगे बढ़ सता है, लेकिन उनका मानना है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के साथ पूर्ण युद्ध नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पुतिन के सैन्य घुसपैठ करने पर रूस को इसकी 'बड़ी कीमत' चुकानी होगी.
बाइडेन ने कहा, वह चीन और पश्चिम के बीच की दुनिया में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में पूरी तरह घुसपैठ करने की तुलना में 'मामूली घुसपैठ' के परिणाम भी सामान्य होंगे. उनके इस बयान की कुछ लोगों ने निंदा भी की. रिपब्लिकन सीनेटर बेन सैस ने कहा, राष्ट्रपति बाइडेन ने एक मामूली घुसपैठ संबंधी कथित बयान देकर एक तरह से पुतिन को यूक्रेन में घुसपैठ के लिए हरी झंडी दिखा दी है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने बाद में एक बयान में स्पष्ट किया कि यह जरूरी नहीं कि यह टैंकों और सैनिकों के बारे में कहा गया हो.
साकी ने कहा, राष्ट्रपति बाइडेन अपने लंबे अनुभव से इस बात से अवगत हैं कि रूस के पास साइबर हमले तथा अर्धसैनिक रणनीति सहित कई अन्य आक्रामक तरीके हैं...उन्होंने आज पुष्टि की कि रूसी आक्रमण के उन कृत्यों से एक निर्णायक, पारस्परिक और एकजुट ढंग से निपटा जाएगा. व्हाइट हाउस के पूर्वी कक्ष में बाइडेन ने लगभग एक घंटे 50 मिनट तक पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उनकी पत्रकारों के साथ बहस भी हुई और कई बार वह अपनी घड़ी की ओर देखते भी नजर आये, लेकिन फिर भी वह मुस्कुराते हुए सवालों के जवाब देते रहे.