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अमेरिका की दशकों पुरानी नीति में बदलाव, माना - अवैध नहीं हैं इसरायली बस्तियां

अमेरिका ने अपनी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए कहा है कि इस्राइली बस्तियां अवैध नहीं हैं. अमेरिका द्वारा दशकों पुरानी नीति में बदलाव करने के लिए इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस निर्णय की प्रशंसा की है.

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Published : Nov 20, 2019, 9:03 AM IST

Updated : Nov 20, 2019, 12:27 PM IST

वॉशिंगटन : अपनी नीति में बड़ा बदलाव लाते हुए ट्रम्प प्रशासन ने कहा है कि अब वह नहीं मानता कि पश्चिम तट पर इसरायलीबस्तियां अवैध हैं. प्रशासन ने कहा कि पहले के विचार थे कि इस तरह के ढांचे अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक असंगत हैं, लेकिन इससे पश्चिम एशिया में शांति प्रक्रिया में मदद नहीं मिली.


विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार को यह घोषणा की जिसका इसरायल ने स्वागत किया जबकि फलस्तीनियों ने इसकी निंदा की.

उन्होंने कहा, 'कानूनी बहस के सभी पक्षों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद अमेरिका का मानना है कि पश्चिम तट पर इसरायल की नागरिक बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध नहीं हैं.'

पोम्पियो ने इसरायल और फलस्तीन के बीच शांति वार्ता के स्थगन का हवाला देते हुए कहा, 'नागरिक बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत असंगत कहने से उद्देश्य पूरा नहीं हुआ. इससे शांति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी.'

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बीबीसी के मुताबिक इसरायल द्वारा पश्चिम तट और पूर्वी यरूशलम पर 1967 में कब्जा करने के बाद बसायी गयी 140 बस्तियों में करीब छह लाख यहूदी रहते हैं. इस बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध माना जाता है. फलस्तीनी काफी समय से इन सभी बस्तियों को हटाने की मांग करते रहे हैं.

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा, 'अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण नीति अपनाई है, जिसके तहत एक ऐतिहासिक गलती को सही किया गया है और ट्रम्प प्रशासन ने स्पष्ट रूप से इन फर्जी दावों को खारिज कर दिया है कि जुडिया और समैरा में इसरायली बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत स्वाभाविक रूप से अवैध हैं.'

उधर,एक अकबार ने फलस्तीन के मुख्य वार्ताकार सायेब ऐराकात के हवाले से बताया कि अमेरिका का निर्णय 'अंतरराष्ट्रीय कानून की जगह ‘जंगल का कानून’ लाने का प्रयास है.'

पोम्पियो ने संवाददाताओं से कहा, 'ट्रम्प प्रशासन इसरायली बस्तियों को लेकर ओबामा प्रशासन के रूख को पलट रहा है.'

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गौरतलब है कि 1978 में (जिम्मी) कार्टर प्रशासन ने कहा था कि इसरायली प्रशासन द्वारा नागरिक बस्तियां बसाना अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक असंगत है. बहरहाल, 1981 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने इस बात से असहमति जताई थी और कहा था कि वह नहीं मानते कि बस्तियां स्वाभाविक रूप से अवैध हैं.

पोम्पियो ने कहा कि बहरहाल दिसम्बर 2016 में ओबामा प्रशासन ने अपने अंतिम दिनों में दशकों पुराने इस रुख को बदलते हुए बस्तियों के अवैध होने की सार्वजनिक तौर पर पुष्टि की.

उन्होंने कहा, 'कानूनी बहस के सभी पक्षों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद प्रशासन, पूर्व राष्ट्रपति रीगन से सहमत है.'

Last Updated : Nov 20, 2019, 12:27 PM IST

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