वाशिंगटन/बीजिंग : चीन और अमेरिका के बीच टकराव तेज होता जा रहा है. दरअसल, अमेरिका ने तिब्बत के संवेदनशील क्षेत्रों में विदेशियों की पहुंच रोकने के काम में शामिल चीन के वरिष्ठ अधिकारियों पर नए वीजा प्रतिबंधों की घोषणा की थी. साथ ही तिब्बती लोगों की 'सार्थक स्वायत्तता' के प्रति अपना समर्थन भी दोहराया. अमेरिका के इस रवैये को देखते हुए चीन ने भी अमेरिकी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिए हैं.
अमेरिका के इस कदम को गलत बताते हुए चीन ने कहा कि उसने फैसला किया है कि वह उन अमेरिकी अधिकारियों को वीजा नहीं देगा जिन्होंने तिब्बत से जुड़े मामलों में बुरा बर्ताव किया है.
बता दें कि अमेरिका का यह कदम वाशिंगटन और बीजिंग के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे संबंधों में कड़वाहट बढ़ाने की एक और वजह बन सकता है.
विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि वह तिब्बत में अमेरिकी लोगों के प्रवेश का आह्वान करने वाले अमेरिकी कानून के तहत चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ अधिकारियों समेत अनेक चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.
पोम्पियो ने 'रेसिप्रोकल ऐक्सेस टू तिब्बत' कानून के तहत चीन के अधिकारियों के एक समूह पर वीजा प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है.
पोम्पियो ने मंगलवार को ट्वीट किया था, 'आज मैं पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के उन अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध की घोषणा करता हूं जो तिब्बत में विदेशियों की पहुंच को रोकने का काम कर रहे हैं. हम लगातार चाहते हैं कि हमारे संबंधों में पारस्परिकता बनी रहे.'
उन्होंने बयान में कहा कि चीन, तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र (टीएआर) तथा तिब्बत के अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी राजनयिकों तथा अन्य अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को जाने से जानबूझकर लगातार रोकता रहा है जबकि दूसरी ओर इसके किसी अधिकारियों एवं नागरिकों के अमेरिका में आने पर किसी तरह की कोई रोक नहीं है.
पोम्पियो ने कहा कि इसी तरह वह चीन की सरकार तथा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के उन अधिकारियों पर वीजा पाबंदी की घोषणा कर रहे हैं जो तिब्बती इलाकों में विदेशियों के प्रवेश से संबंधित नीतियां बनाने और उन्हें कार्यान्वित करने के काम में शामिल हैं.