पेरिस : बाइडेन प्रशासन द्वारा अमेरिका के सबसे पुराने सहयोगी फ्रांस को एक नये हिंद-प्रशांत सुरक्षा पहल (ऑकस) से बाहर कर देने के बाद दोनों देश के बीच उत्पन्न विवाद के बाद अब फ्रांस और अमेरिका फिर से तालमेल बनाने के करीब आ गए हैं.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (emmanuel macron) और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने समझौते को लेकर दोनों देश के बीच पनपे विवाद से उबरने के तरीकों को तलाशने के लिए पेरिस में मुलाकात की. इस सौदे की वजह से ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए फ्रांसीसी पनडुब्बियों की आपूर्ति से जुड़ा कई अरब डॉलर का एक अनुबंध समाप्त हो गया था और मैक्रों सरकार ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए अमेरिका में अपने राजदूत को वापस बुलाने का अभूतपूर्व कदम उठाया था.
मैक्रों के साथ बैठक के बाद एक फ्रांसीसी टेलीविजन साक्षात्कार में, ब्लिंकन ने मतभेद के लिए अमेरिकी जिम्मेदारी स्वीकार की. ब्लिंकन ने कहा, 'हम बेहतर तरीके से बात कर सकते थे और करनी चाहिए थी.' उन्होंने कहा, 'हम कभी-कभी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं गहरे रिश्ते का सही मूल्य नहीं समझ पाते जैसा फ्रांस और अमेरिका के बीच है.'
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मैक्रों और ब्लिंकन ने लगभग 40 मिनट के आमने-सामने के सत्र में हिंद-प्रशांत और अन्य क्षेत्रों में संभावित अमेरिकी-फ्रांसीसी सहयोग पर बात की.
उनकी बातचीत के तुरंत बाद, व्हाइट हाउस ने एक बयान में घोषणा की कि 'साझा द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हितों पर हमारे चल रहे परामर्श के हिस्से के रूप में' राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन, इस सप्ताह के अंत में पेरिस में अपने फ्रांसीसी समकक्ष, इमैनुएल बोन से मिलेंगे.'