नई दिल्ली /वाशिंगटन : डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने शी जिनपिंग सरकार पर अमेरिका से कोविड-19 से संबंधित शोध चुराने का आरोप लगाया है, जो अमेरिका और चीन के बीच उनके द्विपक्षीय संबंधों में और गिरावट का संकेत देता है.
बीजिंग को निशाने पर लेते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार देर रात ट्वीट किया, 'जिस देश में वायरस की उत्पत्ति हुई और जिसने महामारी फैलने दी, उसने कोविड-19 का मुकाबला करने में दुनिया की मदद करने के लिए जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है.'
उन्होंने आगे लिखा, 'जानकारी देने के बजाय पीआरसी संबद्ध अभिनेता संयुक्त राज्य अमेरिका से कोविड से संबंधित शोध चुराने की कोशिश कर रहे हैं.'
उन्होंने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को चेतावनी देते हुए जोड़ा, 'इस दुर्भावनापूर्ण गतिविधि को रोकने के लिए.'
चीन की चोट पर नमक छिड़कते हुए पोम्पेओ ने कहा कि अमेरिका ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्च रिंग कंपनी (टीएसएमसी) का स्वागत करता है, 'हमारा दुनिया में सबसे उन्नत 5-नैनोमीटर सेमीकंडक्टर फाउंड्री में 12 अरब डॉलर का निवेश करने का इरादा है.'
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उन्होंने ट्वीट किया, 'जब एक समय में चीन अत्याधुनिक तकनीक पर हावी हो रहा है और महत्वपूर्ण उद्योगों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है, तो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा में सुधार हुआ है.'
इस बीच अमेरिका लगातार चीन पर सैन्य दबाव बना रहा है. पिछले कुछ हफ्तों में, अमेरिकी नौसेना के जहाजों और वायुसेना के बी-1 बमवर्षकों ने दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रयासों की प्रतिक्रिया के रूप में इस क्षेत्र में मिशन शुरू किया है.
यूएस नेवी पैसिफिक फ्लीट ने बुधवार को घोषणा की कि 'कोरोनोवायरस के कारण महामारी के बीच एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के समर्थन में' इस क्षेत्र में उसकी सभी पनडुब्बियां समुद्र में ऑपरेशन कर रही हैं.