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महामारी करोड़ों लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है : संयुक्त राष्ट्र - संयुक्त राष्ट्र

पूरी दुनिया कोरोना महामारी से परेशान है. इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी 132 मिलियन लोगों को भुखमरी की तरफ धकेल सकती है. हालांकि एक अच्छी खबर यह है कि भारत में कुपोषित लोगों की संख्या 24 प्रतिशत से घटकर 14 हो गई है.

132 million people could go hungry due to COVID-19 UN warns
करोड़ों लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है

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Published : Jul 15, 2020, 5:50 PM IST

रोम : संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि कोरोना वायरस महामारी इस साल करीब 13 करोड़ और लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है. विश्व में भुखमरी के कगार पर पहुंचे लोगों की संख्या पिछले साल करीब एक करोड़ बढ गई थी.

यह गंभीर आकलन विश्व में खाद्य सुरक्षा एवं पोषण की स्थिति के मद्देनजर हालिया रिपोर्ट में सामने आया है. इसे तैयार करने वाली यूएन की पांच एजेंसियों की ओर से इस वार्षिक रिपोर्ट को सोमवार को जारी किया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में उपलब्ध विश्व के आर्थिक परिदृश्य पर आधारित ये प्रारंभिक अनुमान बताते हैं कि महामारी के कारण वर्ष 2020 में कुपोषण की तालिका में 8.3 करोड़ से 13.2 करोड़ अतिरिक्त लोग जुड़ सकते हैं.'

यूएन एजेंसियों के अनुमान के मुताबिक, पिछले साल करीब 69 करोड़ लोग भुखमरी की जद में रहे जोकि पूरी दुनिया की आबादी का करीब नौ प्रतिशत है.

वर्ष 2018 से इस संख्या में करीब एक करोड़ जबकि वर्ष 2014 से करीब छह करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई.

रिपोर्ट के मुताबिक, दशकों तक लगातार गिरावट के बाद वर्ष 2014 से भुखमरी के आकंड़ों में 'धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी होनी शुरू हुई जोकि अब तक जारी है.'

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एफएओ की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी ने हालात और बदतर कर दिए हैं. इतना ही नहीं संगठन का अनुमान है कि 2020 में 132 मिलियन से अधिक लोग भुखमरी का शिकार हो सकते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कुपोषित लोगों की संख्या में 60 मिलियन की गिरावट आई है, जो 2004-06 की 21.7 प्रतिशत आबादी से 2017-19 में 14 प्रतिशत हो गई है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल जनसंख्या में अल्पपोषण की व्यापकता 2004-06 में 24 प्रतिशत थी, जो 2017-19 में घटकर 14 प्रतिशत रह गई.

यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), अंतरराष्ट्रीय कोष (आईएफएडी), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर तैयार की है.

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