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South African President ने पुलिस मंत्री, प्रांत प्रमुख को फोनिक्स किया रवाना - दक्षिण अफ्रीका में हिंसा

दक्षिण अफ्रीका में हो रही हिंसा में भारतीय मूल के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, उनके घरों और दुकानों को लूटा जा रहा है. दंगाई लगातार शॉपिंग मॉल्स को निशाना बना रहे हैं. घटना को लेकर भारतीय विदेश मंत्री ने दक्षिण अफ्रीका की अपनी समकक्ष से बातचीत में चिंता जाहिर की है.

South African President, tensions in Phoenix
सिरिल रामफोसा

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Published : Jul 16, 2021, 9:17 PM IST

जोहान्सबर्ग:दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (South African President) ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पुलिस मंत्री और क्वाजुलू नटाल प्रांत के प्रमुख को डरबन शहर के लिए रवाना कर दिया है. डरबन में भारतीय और अश्वेत अफ्रीकी समुदाय के बीच तनाव पूर्ण स्थिति है.

दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की सात जुलाई को गिरफ्तारी के बाद हिंसा को लेकर दोनों समुदायों ने एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया. इसके बाद फोनिक्स एवं आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया. रामफोसा इथेकविनी आए थे, जो डरबन एवं आसपास के शहरों का हिस्सा है. इलाके में हिंसा और लूट की घटना के बाद स्थिति का आंकलन करने के लिए वे आए थे.

तत्काल संभालें स्थिति

हालांकि, उन्होंने फोनिक्स और क्वाजुलू नटाल प्रांत की राजधानी पीटरमारीत्जबर्ग का दौरा नहीं किया, जो सबसे अधिक प्रभावित है. क्वाजुलू नटाल प्रांत में डरबन सबसे बड़ा शहर है. रामफोसा ने पुलिस मंत्री भेकी सेले और क्वाजुलू नटाल प्रांत के प्रमुख सिहले जिकालाला से कहा कि स्थिति को संभालने के लिए उक्त इलाकों में जाएं. राष्ट्रपति ने कहा कि पुलिस मंत्री फोनिक्स जा रहे हैं. हमारे स्थानीय नेता प्रमुख, नगर के कार्यकारी समिति के सदस्य स्थिति से निपटने के लिए जा रहे हैं.

पढ़ें:दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जुमा ने खुद को अधिकारियों के हवाले किया

घटना को लेकर भारत चिंतित

दक्षिण अफ्रीका में व्यापक हिंसा और दंगों को लेकर चिंतित भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका की अपनी समकक्ष नालेदी पैंडोर से बातचीत की. बातचीत में उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. फोनिक्स और चैट्सवर्थ दो बड़े शहर हैं जिन्हें रंगभेद वाली नीति के दौरान हजारों भारतीय नागरिकों को जबरन बसाने के लिए बनाया गया था. फोनिक्स के आसपास अब काले अफ्रीकियों के कई शहर बस चुके हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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