दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

जुमा के कारावास को लेकर दक्षिण अफ्रीका में दंगे तेज हुए, सेना तैनात की जाएगी

पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के मामले में जेल में डाले जाने के बाद दक्षिण अफ्रीका के कई हिस्सों में हिंसा फैलने के मद्देनजर सरकार स्थिति को काबू में करने के लिए सेना को तैनात करने जा रही है.

पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा
पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा

By

Published : Jul 12, 2021, 10:53 PM IST

जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के मामले में जेल में डाले जाने के बाद देश के अनेक हिस्सों में हिंसा फैलने के मद्देनजर सरकार स्थिति को काबू में करने के लिए सेना को तैनात करने जा रही है.

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय रक्षा बल (एसएएनडीएफ) ने सोमवार को घोषणा की कि शुरुआत में दो प्रांतों ग्वातेंग और क्वाजुलू-नताल में सैनिकों को तैनात किया जाएगा. क्वाजुलू-नताल जुमा का गृह प्रांत है.

जुमा 2009 से 2018 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे. उनके कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रहे एक न्यायिक आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं होने के बाद अदालत की अवमानना के मामले में जुमा इस समय एस्टकोर्ट करेक्शनल सेंटर में बंद हैं. उन्हें 15 महीने की जेल की सजा सुनाई गयी जिसके बाद उन्होंने बुधवार को पुलिस को अपनी गिरफ्तारी दी. हालांकि 79 वर्षीय नेता ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया है.

गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन

जुमा की गिरफ्तारी के बाद देशभर में उनके समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिये. उन्होंने टायर जलाकर और अन्य अवरोधक डालकर रास्तों को अवरुद्ध किया. दंगाइयों की हिंसक भीड़ ने वाहनों को जलाया और दुकानों को लूट लिया.

एसएएनडीएफ ने एक बयान में कहा कि उसने कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद के लिए मिले अनुरोध के बाद तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उसने कहा, 'तैनाती जल्द ही शुरू होगी.'

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने देश के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की सजा के विरोध में आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांतों में पिछले कुछ दिनों से चल रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शनों की निंदा की है.

रामाफोसा ने कहा, 'राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे प्रभावित हुए हैं और सामान एवं सेवाओं की आवाजाही धीमी पड़ने से हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है.'

कुछ राजनीतिक एवं असैन्य नेताओं ने हिंसा की निंदा की है और इसे प्रदर्शन की आड़ में आपराधिक कृत्य बताया है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन इसे शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए.

पढ़ें- दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति को जेल भेजे जाने पर हिंसक घटनाएं

दक्षिण अफ्रीका के चैंबर ऑफ कॉमर्स ने चेतावनी दी है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है. दंगाइयों से कोविड-19 के तेजी से फैलने की भी आशंकाएं हैं क्योंकि अधिकतर प्रदर्शनकारी मास्क नहीं पहन रहे.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details