जोहानिसबर्ग : भारतीय मूल के कारोबारी गुप्ता परिवार से जुड़े धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में बृहस्पतिवार को इकबाल मीर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया जो एक समय यहां व्यापार तथा उद्योग विभाग में दक्षिण अफ्रीकी सरकार के प्रभावशाली अधिकारी थे.
शर्मा को फ्री स्टेट प्रांत के तीन अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आरोपी बनाया गया है जिन्होंने कथित तौर पर सरकारी धन के व्यय से संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया.
आरोप हैं कि शर्मा ने अपनी कंपनी न्यूलैंड इन्वेस्टमेंट के माध्यम से दो करोड़ रैंड से ज्यादा राशि को काले धन से सफेद में बदला. यह राशि एक व्यवहार्यता अध्ययन के लिए फ्री स्टेट राज्य के कृषि विभाग द्वारा जारी की गई, जबकि इस काम की अनुमानित लागत 15 लाख रैंड थी.
इस अध्ययन में पता लगाना था कि एस्टिना डेयरी फार्म परियोजना से छोटे अश्वेत किसानों को लाभ मिलेगा या नहीं. यह परियोजना भारतीय कंपनी पारस के साथ साझेदारी में संचालित की गई.
एस्टिना परियोजना बुरी तरह विफल हो गई और आरोप हैं कि इस उपक्रम से लाखों रैंड गुप्ता परिवार को हस्तांतरित किए गए. गुप्ता परिवार पर अनेक सरकारी तथा अर्द्धसरकारी संस्थानों से अरबों रैंड का गबन करने का आरोप है.
गुप्ता बंधु - अजय, अतुल और राजेश अपने परिजन के साथ दुबई में स्व-निर्वासन में हैं. दक्षिण अफ्रीकी सरकार संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से उन्हें प्रत्यर्पित कराने का प्रयास कर रही है क्योंकि दोनों देशों के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है.
शर्मा की कंपनी न्यूलैंड ने अध्ययन का काम दो कंपनियों को सौंप दिया जिन्होंने विभाग से 2.4 करोड़ रैंड की राशि ली.
राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकार के जांच निदेशालय में प्रवक्ता एस सेबोका ने कहा, हमारा आरोप है कि धनराशि के गबन के लिए एक और कंपनी को काम सौंपा गया तथा सहायक कंपनी को वही काम करना था जो पहले ही किया जा चुका था.