गम्पेला (बुर्किना फासो) : गम्पेला बुर्किना फासो एक छोटा स्थान है, जहां के चिकित्सा केंद्र में पिछले करीब एक साल से रेफ्रिजरेटर काम नहीं कर रहा है. दुनियाभर में ऐसे कई स्थान हैं, जहां यह सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में कोरोना वायरस पर काबू के अभियान में बाधा आ सकती है.
पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस के टीके को सुरक्षित रखने के लिए फैक्ट्री से लेकर सिरिंज (सुई) तक लगातार कोल्ड चेन की जरूरत होगी, लेकिन विकासशील देशों में कोल्ड चेन बनाने की दिशा में हुई प्रगति के बाद भी दुनिया के 7.8 अरब लोगों में से लगभग तीन अरब लोग ऐसे हैं, जिन तक कोविड-19 पर काबू पाने के लिए टीकाकरण अभियान की खातिर तापमान-नियंत्रित भंडारण नहीं है.
इसका नतीजा यह होगा कि दुनिया भर के निर्धन लोग जो इस घातक वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन तक यह टीका सबसे अंत में पहुंच सकेगा.
टीके के लिए कोल्ड चेन गरीबों के खिलाफ एक और असमानता है जो अधिक भीड़ वाली स्थितियों में रहते हैं और काम करते हैं. इससे वायरस को फैलने का मौका मिलता है. ऐसे लोगों तक मेडिकल ऑक्सीजन की भी पहुंच कम होती है, जो इस वायरस से संक्रमण के उपचार के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसके अलावा ऐसे लोग बड़े पैमाने पर परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं, आपूर्ति या तकनीशियनों की कमी का भी सामना करते हैं.
कोरोना वायरस टीकों के लिए कोल्ड चेन बनाए रखना धनी देशों के लिए भी आसान नहीं होगा, खासकर तब जबकि इसके लिए शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे (माइनस 94 डिग्री एफ) के आस-पास के तापमान की आवश्यकता होती है.