बेनी :विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा गठित एक आयोग ने पाया है कि कांगो में इबोला फैलने के दौरान कथित यौन उत्पीड़न के 80 से अधिक मामले सामने आए. इनमें डब्ल्यूएचओ के 20 कर्मचारियों के खिलाफ भी यौन उत्पीड़न के मामले हैं.
समिति ने मंगलवार को अपना निष्कर्ष जारी किया. कुछ महीने पहले 'एसोसिएटेड प्रेस' की जांच में पाया गया कि डब्ल्यूएचओ के प्रबंधन को सूचित किया गया कि 2019 में यौन उत्पीड़न की कई घटनाएं हुईं, लेकिन उत्पीड़न की घटनाएं नहीं रूकीं और इसमें संलिप्त एक प्रबंधक की पदोन्नति भी कर दी गई.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम गेब्रेयेसस ने दावों की जांच के लिए पिछले अक्टूबर में समिति का गठन किया. मीडिया की खबरों में बताया गया था कि कांगो में 2018 में इबोला फैलने के बाद इस संकट से निपटने में लगे अज्ञात अधिकारियों ने महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया, जिसके बाद समिति का गठन किया गया.
उस वक्त टेड्रोस ने कहा था कि वह 'क्षुब्ध' हैं. उन्होंने कहा था कि जो भी कर्मचारी यौन उत्पीड़न में संलिप्त पाया जाएगा उसे तुरंत बर्खास्त कर दिया जाएगा.