नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र की समाप्ति के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आज प्रेस वार्ता की. उन्होंने राज्य सभा में हुए अशोभनीय आचरण को लेकर चिंता जाहिर की. इसके अलावा गोयल ने यह भी कहा कि विपक्ष लगातार संसद को बाधित करता रहा, जबकि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार थी.
विपक्ष पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज बहुत पीड़ा के साथ हम यहां आए हैं. सरकार हमेशा चाहती है कि सदन में चर्चा हो लेकिन वे चर्चा के लिए तैयार नहीं थे. चेयरमैन पर भी बेवजह आरोप लगाया गया. उनकी शुचिता पर सवाल किए गए.
सख्त कार्रवाई की मांग- गोयल
जिस तरह से महिला को चोट लगी है उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. जिस तरह से रूल बुक को फेंका गया है वह हमला था. सख्त से सख्त कार्यवाही करना चाहिए. इसके लिए माफी तो छोड़िए वे कह रहे है हम इस तरह बार-बार कर सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बयान राज्य सभा के नेता गोयल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की. उनमें संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल और उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों के अमर्यादित आचरण एवं मर्शलों के साथ धक्का-मुक्की करने को लेकर उनके (विपक्षी दलों के सांसदों के) खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
विपक्षियों ने दी धमकी- जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कांग्रेस और उसके मित्र सहयोगियों ने संसद को नहीं चलने देने का पहले ही फैसला कर लिया था. उन्होंने नए मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया, उन्होंने महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा नहीं होने दी.
हमारी तरफ से विपक्ष से कई बार बात हुई. हमने उनसे निवेदन किया था कि नए मंत्रियों का परिचय करने का मौका दे दीजिए. उसे भी नहीं माना. हम मांग करते हैं कि राज्यसभा के सभापति को नियम तोड़ने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
जोशी ने आगे कहा कि 6 सांसदों ने कांच तोड़ कर हंगामा किया और महिला सुरक्षाकर्मी को घायल कर दिया. हमको धमकाया गया कि अगर आप बिल पास करने की कोशिश करेंगे तो जो कल हुआ उससे भी ज्यादा होगा. हमने रोज उनसे आग्रह किया कि सदन चलने दें लेकिन उन्होंने चलने नहीं दिया.
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. देश देख सकता है कि उन्होंने संसद में क्या किया. अगर उनमें जिम्मेदारी का अहसास है तो उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए. हम अध्यक्ष से भी मांग करते हैं कि सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इसे दोहराया नहीं जाना चाहिए.
जोशी ने कहा कि कल से एक दिन पहले (संसद में) कुछ सांसद मेजों पर चढ़ गए. वे अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. उन्हें लगा कि उन्होंने कुछ अच्छा किया है. उन्होंने इसका वीडियो शूट करने के बाद ट्वीट किया. वीडियो शूटिंग की अनुमति नहीं है.
लोकतंत्र का अपमान किया- ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि लोग संसद में अपने मुद्दों को उठाए जाने का इंतजार करते हैं. जबकि अराजकता विपक्ष का एजेंडा रहा. उन्हें लोगों, करदाताओं के पैसे की परवाह नहीं है, जो हुआ वह निंदनीय था. घड़ियाली आंसू बहाने के बजाय देश से माफी मांगे.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने नए मंत्रियों से कहा था कि वे राज्यसभा जाएं और गुणवत्तापूर्ण बहसें सुनें. लेकिन हमें उनसे फीडबैक मिला कि टेबल किस लिए हैं- डांस करने के लिए या टेबल्स का कोई और मकसद है? क्या मंत्रियों को इस राज्यसभा में आने के लिए कहा गया था जहां लोकतंत्र का अपमान किया गया था?
संसद का 19 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र अपने पूर्व निर्धारित समय से दो दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत वहीं राज्यसभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया.
यह भी पढ़ें-विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक किया पैदल मार्च
राज्यसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार वर्तमान सत्र में मात्र 28 प्रतिशत कामकाज हुआ. इस दौरान सदन में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ और हंगामे के कारण 76 घंटे 26 मिनट का कामकाज बाधित हुआ. सत्र के दौरान 19 विधेयक पारित किए गये और पांच विधेयकों को पेश किया गया.