हैदराबादःकिसी की हंसी किसी के गम की दवा बन सकती है. दरअसल जिंदगी जीने के लिए हमें जितनी ऑक्सीजन की जरूरत है, उतनी ही खुशी की. विश्व भर में मई का पहला रविवार वर्ल्ड लाफ्टर डे के तौर पर मनाया जाता है. बॉलीवुड का कॉमेडी से डीप रिलेशन रहा है. आज हम बात करेंगे बॉलीवुड के उन सितारों की, जिन्होंने अपनी कॉमेडी से दर्शकों को बांधे रखा. ये वही सितारे हैं, जो दर्द की बीमारी को खत्म करने के लिए हंसी की वैक्सीन लगाते हैं.
जॉनी लीवरः हंसने की गारंटी
जॉनी लीवर साहब का फिल्मों में नाम ही काफी है. उनके नाम पर दर्शक समझ जाते हैं कि जॉनी हैं तो वह हंसा देंगे. जॉनी की शैली आज भी दर्शकों को ठहाका लगाने पर मजबूर करती है.
राजपाल यादवः इनके पास है हंसाने का लाइसेंस
राजपाल यादव की शैली दर्शकों को कहती है कि कुछ भी हो जाए मगर हंसी नहीं रुकनी चाहिए. कॉमेडी के दम पर राजपाल यादव ने बॉलीवुड में एक अलग मुकाम बनाया है. बड़े पर्दे पर वह छाए रहते हैं. राजपाल यादव रोते हुए व्यक्ति को भी हंसाने की हिम्मत रखते हैं.
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मल्टी टैलेंटेड अभिनेता व कॉमेडियन संजय मिश्रा अपने ठेठ अंदाज में हंसाते नजर आते हैं. फिल्म जगत में कई रोल करने वाले अभिनेता की शैली लोगों को हंसने पर मजबूर करती है. बॉलीवुड के बाबू भाई और एक से एक हिट फिल्में देने वाले परेश रावलफिल्मों में जान डाल देते हैं. हेरा-फेरी एक उदाहरण है. असरानिअपने जमाने के फेमस कॉमेडियन रहे हैं. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक फिल्म निर्माण से पहले उनसे पूछते जरूर थे.
बॉलीवुड फिल्म जगत में नेगेटिव रोल से अपनी पहचान बनाने वाले शक्ति कपूर दर्शकों को अपने विलेन की इमेज से जितना बांध देते थे उतना ही वह हंसाने की क्षमता रखते हैं. कादर खान अपनी उम्दा एक्टिंग और बेहतरीन कॉमेडी से मरने के बाद भी लोगों की दिलों में जिंदा हैं. 'रंगीला राजा', 'हो गया दिमाग का दही' समेत क फिल्मों में उन्होंने शानदार कॉमेडी की है.
बात रज्जक खान की करें तो उन्हें बेस्ट कॉमेडियन कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा. वहीं, हिंदी फिल्म जगत में कॉमेडिन के रुप में विजय राज ने एक अलग मुकाम बनाया है. गंभीर व्यक्तित्व के साथ भी वह झट से हंसा देने की वह क्षमता रखते हैं. हिंदी फिल्म जगत के प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेरका कॉमेडियन्स की लिस्ट में नाम न जुड़े तो शायद ये लिस्ट ही अधूरा रहेगा. सशक्त अभिनेता गंभीर रोल में डूबकर दर्शकों को बांध लेते हैं तो कॉमेडी के साथ हंसा-हंसाकर लोटपोट भी कर देते हैं.
बॉलीवुड के बेमिसाल कॉमेडी अभिनेता व डायरेक्टर की बात करें तो महमूद को कैसे भूला जा सकता है. वह ऐसी शख्सियत थे, जिनकी ताकत हंसी थी. कॉमेडी के दम पर वह रोते हुए व्यक्ति को भी हंसा देते थे. 1968 में आई फिल्म 'पड़ोसन' का गाना- एक चतुर नार करके श्रृंगार... तो आपको याद ही होगा.