मुंबई:68 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स की घोषणा हो चुकी है. अवॉर्ड फंक्शन को लेकर तैयारियां भी जोरों पर चल रही हैं. इस बीच 7 नॉमिनेशन मिलने के बाद भी द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने अवॉर्ड को अनैतिक और सिनेमा विरोधी बताकर इसका बॉयकॉट कर दिया है. अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर कर वजह भी बताई है. फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ने गुरुवार को घोषणा की कि वह फिल्मफेयर से कोई भी पुरस्कार स्वीकार नहीं करेंगे.
बता दें कि उनकी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के साथ ही कई श्रेणियों में नामांकित किया गया है. फिल्म फेयर अवार्ड्स के 68 वें संस्करण के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक नामांकित लोगों के पोस्टर सोशल मीडिया पर प्रकाशन द्वारा साझा किए जाने से परेशान हैं, जिसमें निर्देशकों के बजाय नामांकित फिल्मों के प्रमुख अभिनेताओं की तस्वीरें हैं. सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर उन्होंने कैप्शन में लिखा 'मुझे मीडिया से पता चला कि द कश्मीर फाइल्स को 68वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए 7 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है. लेकिन मैं विनम्रतापूर्वक इन अनैतिक और सिनेमा विरोधी पुरस्कारों का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं.
यही नहीं उन्होंने न लेने की वजह भी बताई है. उन्होंने लिखा यहा जानें क्यों- उन्होंने सोशल मीडिया पर किए पोस्ट में कहा कि फिल्मफेयर के मुताबिक स्टार्स के अलावा किसी का कोई चेहरा नहीं है. कोई मायने नहीं रखता. भंसाली, आलिया भट्ट की तरह दिखते हैं, सूरज, मिस्टर बच्चन की तरह और अनीस बज्मी, कार्तिक आर्यन की तरह दिखते हैं. अग्निहोत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि एक फिल्म निर्माता की गरिमा फिल्मफेयर पुरस्कारों से आती है. लेकिन इस गलत व्यवस्था को खत्म होना चाहिए. इसलिए, बॉलीवुड के भ्रष्ट, अनैतिक और चापलूस फंक्शन के खिलाफ मैंने ऐसे अवॉर्ड्स का बॉयकॉट करने का फैसला लिया है.
'द कश्मीर फाइल्स' के निर्देशक ने आगे कहा कि मैं किसी भी भ्रष्ट सिस्टम या अवॉर्ड्स का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं, जो लेखकों, निर्देशकों और फिल्म के अन्य सितारों को गुलाम मानते हैं. उन्होंने आगे कहा जीतने वाले सभी लोगों को मेरी बधाई और जो नहीं जीत पाते उन्हें और भी बहुत कुछ.... पक्ष यह है कि मैं अकेला नहीं हूं. धीरे-धीरे लेकिन लगातार, एक समानांतर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री उभर रही है और इसके साथ ही उन्होंने दुष्यंत कुमार की फेमस लाइन के साथ अपने पोस्ट को खत्म किया. उन्होंने लिखा और तब तक…सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए. मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए.
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