मुंबई: 'द केरल स्टोरी' पर राजनीति और बयानबाजी तेज हो गई है. एमपी, यूपी में टैक्स फ्री होने के बाद बिहार में भी इस टेक्स फ्री करने की मांग उठ रही है. इस बीच पश्चिम बंगाल में फिल्म प्रदर्शन पर बैन किये जाने का विरोध शुरू हो गया है. राजनीतिक, सामाजिक जगत के साथ फिल्मी जगत के लोग भी खुलकर बंगाल सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.
फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से 'द केरल स्टोरी' फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की निंदा की और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर 'बड़ा हमला' बताया. उन्होंने कहा कि 'यह पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा 'शांति बनाए रखने' का हवाला देते हुए और राज्य में 'घृणा और हिंसा' की घटनाओं से बचने के लिए फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद आया है.
बता दें अशोक पंडित भारतीय फिल्म और टेलीविजन निर्देशक संघ के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने एएनआई से कहा, 'मैं पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर प्रतिबंध लगाने की निंदा करता हूं. यह एक बड़ा हमला है. एक फिल्म निर्माता की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर. यह पूरे देश को गलत संदेश भेज रहा है.' 'पश्चिम बंगाल फिल्म पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला राज्य बन गया, जो तीन महिलाओं की कहानी बताती है, जिन्हें धर्म परिवर्तन के बाद आईएसआईएस शिविरों में तस्करी कर लाया जाता है. 'फिल्म को लेकर लगातार राजनीतिक आक्रोश है, भले ही इसे भाजपा शासित मध्य प्रदेश और अब उत्तर प्रदेश में कर-मुक्त कर दिया गया है, यह कदम उठाने वाला दूसरा राज्य बन गया है.