मुंबईःलॉस एंजेलिस में आयोजित 95वें ऑस्कर अवार्ड की तैयारी काफी तेजी से चल रही है. ऑस्कर के लिए भारत की तीन फिल्में फाइनल की दौड़ में पहुंची है. बेस्ट डॉक्यूमेंट्री के लिए भारत की ओर से ऑल दैट ब्रीथ को शामिल किया गया है जबकि, बेस्ट शॉर्ट फिल्म के लिए द एलिफेंट विस्पर्स को मौका दिया गया है. वहीं. एसएस राजामौली के निर्देशन पर बनी फिल्म 'RRR' भी ऑस्कर की दौड़ में शामिल किया गया है. फिल्म को पहले ही गोल्डन ग्लोब अवार्ड विजेता करार दिया जा चुका है. जबकि फिल्म का गाना 'नाटू नाटू' को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं जिस तरह ऑस्कर अवार्ड फिल्मी दूनिया का सबसे बड़ा अवार्ड है उसी तरह ऑस्कर और ऑस्कर से जुड़ी फिल्में व उनके निर्देशकों का विवाद से भी नाता रहा है.
फ्रैंक कैपरा और 'फ्रैंक लॉयड' की जीत (1933)
ऑस्कर फिल्में विवादों की बात करें तो एक साधारण से गलतफहमी के कारण पहला विवाद हुआ था. सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए नामांकित लोगों में फ्रैंक कैपरा और फ्रैंक लॉयड थे, जो प्रस्तुतकर्ता विल रोजर्स से अनभिज्ञ थे कि दो फ्रैंक नामांकित थे.
हटी मैकडैनियल का पुरस्कार गायब (1940)
हटी मैकडैनियल सबसे पहले ऑस्कर जीतने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति थे. लेकिन कई लोगों ने इसे स्वीकार नहीं किया है. वास्तव में 1940 में अश्वेत लोगों को इस कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति भी नहीं थी. गॉन विद द विंड और इसकी गुलामी का चित्रण बहुत विवाद का स्रोत था.
सिटीजन केन मिस्ड बेस्ट पिक्चर (1941)
सिटिजन केन को अब तक की सबसे अच्छी फिल्मों में से एक माना जाता है. इस फिल्म ने सिनेमा की सबसे बड़ी कृतियों की साइट और साउंड की सूची में 50 साल तक शीर्ष पर रहना का रिकॉर्ड बनाया है. सिटीजन केन ने अकादमी के सदस्यों को कुछ नया, आविष्कारशील और बोल्ड प्रदान किया.
मार्लन ब्रैंडो ने पुरस्कार से इनकार कर दिया (1973)
1973 में मार्लन ब्रैंडो ने द गॉडफादर में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का ऑस्कर जीता, लेकिन इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इसके बजाय उन्होंने अपने स्थान पर सचिन लिटिलफेदर को कार्यक्रम में भेजा, जिन्होंने बाहरी रूप से आक्रोशित भीड़ को समझाया. यह एक चौंकाने वाला पल था. दरअसल जब ब्रैंडो ने हॉलीवुड में अमेरिकी भारतीयों के इलाज के विरोध में पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. तो उन्होंने मूल अमेरिकी भारतीय अभिनेता सचिन लिटिलफेदर को अपनी ओर से पुरस्कार को अस्वीकार करने के लिए भेजा.
हैशटैग #OscarsSoWhite अभियान
अकादमी की समावेशन की कमी के खिलाफ एक और प्रतिशोध में 2015 में #OscarsSoWhite अभियान की शुरुआत की गई. उस साल ब्लैक लाइव्स मैटर की शुरुआत के ठीक 2 साल बाद पुरस्कार के लिए नामांकित प्रत्येक अभिनेता श्वेत था. इसलिए हैशटैग का जन्म हुआ.