Aryan Khan Case: जवान की ग्रैंड ओपनिंग के बीच समीर वानखेडे़ को आर्यन खान रिश्वत मामले में मिली बड़ी जीत
Aryan Khan Case: शाहरुख खान की नई फिल्म 'जवान' सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है. फिल्म ने अपने ओपनिंग डे पर ही इतिहास रचते हुए सबसे ज्यादा हिंदी ओपनर फिल्म बन गई है. इसी बीच समीर वानखेडे़ ने आर्यन खान से जुड़े मामले में एक बड़ी जीत हासिल की है.
मुंबई: शाहरुख खान स्टारर फिल्म 7 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म ने अपने ओपनिंग डे पर ताबड़तोड़ कमाई की और सबसे ज्यादा हिंदी ओपनर फिल्म बन गई. शानदार ओपनिंग के बाद जवान स्टार एसआरके फिल्म की सफलता का जश्न मना रहे हैं. इसी बीच समीर वानखेड़े ने खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े 25 करोड़ के रिश्वत मामले में बड़ी जीत हासिल की है.
2021 में, शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान कॉर्डेलिया ड्रग्स मामले में ड्रग्स रखने, सेवन करने और खरीदने-बेचने के आरोप में बड़ी मुसीबत में फंस गए थे, लेकिन बाद में एनसीबी की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने आर्यन को क्लीन चिट दे दी. एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े समेत अन्य लोगों पर बाद में भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और जबरन वसूली की धमकी के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. इन आरोपों की जांच के लिए, एनसीबी के अंदर एक एसईटी का गठन किया गया था, जिसने बाद में संबंधित दस्तावेजों के साथ गृह मंत्रालय (एमएचए) को अपनी रिपोर्ट सौंपी.
हालांकि, समीर वानकेड़े के लिए एक बड़ी जीत में, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह को आर्यन खान मामले की जांच से बाहर करने का फैसला किया है. कैट ने अपने आदेश में कहा है कि एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह प्रोब प्रोसीजरल की जांच के लिए गठित स्पेशल इंक्वायरी टीम (एसईटी) का हिस्सा नहीं हो सकते.
क्या है मामला? दरअसल, समीर वानखेड़े ने 16 जून, 2022 की एक रिपोर्ट को रद्द करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था, जिसे दिल्ली के एनसीबी डिप्टी डारेक्टर ज्ञानेश्वर सिंह के नेतृत्व में एसईटी ने तैयार किया गया था. वानखेड़े ने कहा कि चूंकि ज्ञानेश्वर सिंह जांच की निगरानी कर रहे थे, इसलिए उनके लिए अपने ही मामले की जांच कर रहे एसईटी का नेतृत्व करना नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का उल्लंघन है. अब, ट्रिब्यूनल ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि जांच में सक्रिय रूप से शामिल होने के कारण ज्ञानेश्वर सिंह एसईटी का हिस्सा नहीं हो सकते है. ट्रिब्यूनल में अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और सदस्य (ए) आनंद माथुर शामिल हैं.