बर्थ एनिवर्सरी पर 'शोमैन' को याद कर भावुक हुईं सायरा बानो, थ्रोबैक झलक संग बोलीं- शादी में राज कपूर ने टेक दिए थे घुटने...
Saira Banu On Raj Kapoor Birth Anniversary : राज कपूर का बर्थ एनिवर्सरी है. फिल्म इंडस्ट्री के तमाम सितारे दिग्गज एक्टर को याद कर रहे हैं. ऐसे में सायरा बानो ने सोशल मीडिया पर 'शोमैन' से जुड़ी खूबसूरत यादों को ताजा करते हुए बताया कि दिलीप कुमार के साथ शादी में राज कपूर ने घुटने टेक दिए थे. यहां देखिए खूबसूरत यादें.
मुंबई:हिंदी सिनेमा के 'शोमैन' राज कपूर की आज 99वीं बर्थ एनिवर्सरी है. ऐसे में दिग्गज सितारे को फैंस के साथ ही फिल्म इंडस्ट्री के तमाम एक्टर्स अपने-अपने अंदाज में नमन कर रहे हैं. इंडस्ट्री की दिग्गज और एवरग्रीन खूबसूरत अदाकारा सायरा बानो ने सोशल मीडिया पर खूबसूरत पोस्ट शेयर कर शोमैन को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए याद किया. इसके साथ ही जयंती पर सायरा बानो ने बताया कि दिलीप कुमार और राज कपूर के बीच काफी गहरा और भाई वाला रिश्ता था. एक्ट्रेस ने कई किस्सों को शेयर किया है.
बता दें कि इंस्टाग्राम अकाउंट पर थ्रोबैक तस्वीरें और वीडियो शेयर कर सायरा बानो ने खूबसूरत नोट भी लिखा. 'पड़ोसन' एक्ट्रेस ने लिखा 'दिलीप साहब और राज जी के बीच के रिश्ते को महज दोस्ती कहना कुछ कम ही होगा, उनमें भाई-बहन जैसा प्यार था और वे एक-दूसरे की संगति में खुशी तलाशते थे, वे अपने जीवन के उन किस्सों और राज को एक-दूसरे से शेयर करते थे जिसस उनके अपने परिवार के सदस्य भी अंजान थे. राज जी और साहब अंत तक एक-दूसरे के साथ थे.
'पड़ोसन' एक्ट्रेस ने आगे बताया कि 'बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं, लेकिन उन दिनों जब दिलीप साहब कुंवारे थे, राज जी अक्सर उन्हें शादी करने के लिए उकसाते थे, वे कहते थे 'शादी क्यों नहीं करता' और बाद में हंसते हुए कहते हैं जिस दिन तू शादी करेगा, घुटनों के बल चल के आउंगा तेरे पास'. 'बात यहीं खत्म नहीं होती है एक अच्छे दोस्त की तरह वह अपनी बात पर कायम रहे, जिस दिन दिलीप साहब और मेरी शादी हुई थी मुझे अभी भी याद है कि कैसे उन्होंने साहब को इस घटना की याद दिलाते हुए कहा था क्या मैंने आपको नहीं बताया था कि मैं उसी दिन घुटने टेक दूंगा जिस दिन आप शादी करोगे, मैं यह आपके लिए कर रहा हूं, शादी करने के लिए धन्यवाद'.
दूसरी याद को ताजा करते हुए सायरा बानो ने लिखा 'जब राज जी को कार्डियक अरेस्ट हुआ था, उस वक्त साहब एक अवॉर्ड फंक्शन के लिए विदेश गए थे'. 'ऐसे में उन्हें जैसे ही इस बात की खबर लगी तो वह तुरंत दिल्ली वापस आ गए और राज जी को देखने के लिए अपोलो अस्पताल पहुंच गए, वह उनके पास गए और कहा राज, उठो! मैं चपली कबाब की 'खुशबू' लाया हूं, चलो चलते हैं पहले की तरह बाजार में घूमते हुए, कबाब और रोटियों का स्वाद लेते हुए... नाटक करना बंद करो और मुझे पेशावर के आंगन में ले चलो'. जब वह अपने बेहोश दोस्त से बात कर रहे थे तो उनकी आंखों से आंसू बहने लगे थे. वे वास्तव में अंत तक सबसे अच्छे दोस्त थे'. राज जी को उनकी जयंती पर बहुत प्यार और स्नेह'.