रायगढ़:नितिन चंद्रकांत देसाई आत्महत्या मामले में रायगढ़ पुलिस की एफआईआर में एडलवाइस एआरसी के अधिकारियों पर धारा 138 (चेक बाउंस होने), ईओडब्ल्यू, एनसीएलटी और डीआरटी की धमकियों से मशहूर कला निर्देशक को डराने और उनका खालापुर में स्थित एन.डी. आर्ट वर्ल्ड प्रा. लिमिटेड स्टूडियो हथियाने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है.
देसाई की पत्नी नेहा सी. देसाई की शिकायत के आधार पर एडलवाइस एआरसी के प्रबंध निदेशक और सीईओ आर.के. बंसल, गैर कार्यकारी निदेशक रमेश शाह, स्थित शाह, केयूर मेहता और जीतेंद्र कोठारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.
अपने पति द्वारा वकील वृंदा विचारे के लिए छोड़ी गई एक रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए, देसाई ने बताया था कि कैसे 2-3 निवेशक स्टूडियो में निवेश करने के लिए तैयार थे, लेकिन एडलवाइस और उसके प्रमुखों ने 'बकाया राशि दोगुनी-तिगुनी' करने की मांग की और उन पर विभिन्न तरीकों से दबाव डाला. रिकॉर्डिंग में हताश देसाई ने कहा, 'स्मित शाह, केयूर और बंसल ने अपने स्वार्थी उद्देश्यों के लिए मेरे स्टूडियो को लूट लिया है, उन्होंने मेरे प्रस्तावों को स्वीकार नहीं कियाा, मुझे फंसाने की कोशिश की.'
इन लोगों ने मुझे खत्म कर दिया- देसाई
एफआईआर के अनुसार, 'या लोकाणि माझी वात लवली आहे...' यानी इन लोगों ने मुझे खत्म कर दिया है. ये देसाई के शब्द थे, उन्होंने कहा कि 'इन राक्षसों ने उन्हें धमकी दी, दबाव डाला', उन्हें अपना प्रमुख कार्यालय बेचने के लिए मजबूर किया, और उन्हें खत्म करने की साजिश रची. एफआईआर में कहा गया है कि स्टूडियो 2004 में खालापुर, रायगढ़ में स्थापित किया गया था, और जल्द ही फिल्मों, टेलीसीरियल के लिए एक लोकप्रिय शूटिंग स्थल बन गया और उनकी प्रसिद्धि बढ़ गई.
2016 के आसपास, ईसीएल के राशेष शाह एक निवेश प्रस्ताव लेकर आए, मीठी-मीठी बातें कीं और उन्हें स्टूडियो विकसित करने के लिए बड़े सपनों का लालच दिया और तदनुसार, संपत्ति गिरवी रखने के विरुद्ध देसाई को नवंबर 2016 में 150 करोड़ रुपये और फरवरी 2018 में 35 करोड़ रुपये लोन मिले. नेहा देसाई ने कहा कि हालांकि वह नियमित रूप से अपनी ईएमआई का भुगतान कर रहे थे, अप्रैल 2019 में, एडलवाइस के अधिकारियों ने अचानक मई-अक्टूबर 2019 से छह महीने की अग्रिम ईएमआई का भुगतान करने के लिए उन पर भारी दबाव डाला.
देसाई ने अपना मुख्य कार्यालय बेचा
देसाई ने पवई के हीरानंदानी कॉम्प्लेक्स में स्थित अपना मुख्य कार्यालय बेच दिया और लोनदाता की मांगों को पूरा किया, और बाद में फरवरी 2020 तक नियमित रूप से ईएमआई का भुगतान करना जारी रखा. फिर कोविड-19 महामारी लॉकडाउन आई, स्टूडियो में काम पूरी तरह से रुक गया और देसाई को अपने लोन/ईएमआई चुकाने में देरी हुई.
नेहा ने शिकायत में कहा, 'फिर भी, मेरे पति ने वन टाइम सेटलमेंट करने और एडलवाइस लोन चुकाने के लिए तत्परता व्यक्त की, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया और इसके बजाय कार्रवाई की धमकी देते हुए कानूनी नोटिस भेज दिया.'