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Naseeruddin Shah: नसीरुद्दीन शाह ने किया खुलासा, फिल्मफेयर अवॉर्ड्स को वॉशरुम के हैंडल के रुप में यूज करते हैं 'ताज' अभिनेता

बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में एक साक्षात्कार में खुलासा किया कि वह पुरस्कारों को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. और साथ ही उन्होंने कहा कि वह उन्हें अपने फार्महाउस के वॉशरूम में दरवाजे के हैंडल के रूप में इस्तेमाल करते हैं.

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फिल्मफेयर अवॉर्ड्स को वॉशरुम के हैंडल के रुप में यूज करते हैं 'ताज' अभिनेता

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Published : Jun 5, 2023, 6:54 AM IST

मुंबई: नसीरुद्दीन शाह पिछले कुछ दिनों से अपने बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. अभिनेता, जिसे आखिरी बार 'ताज: रिवेंज ऑफ रिवेंज' में देखा गया था. वह हमेशा अपने अनुभव के बारे में बहुत मुखर रहे हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में अभिनेता ने अब प्रतिस्पर्धी पुरस्कारों की निरर्थकता के बारे में बात की है. यहीं नहीं उन्होंने यह भी खुलासा किया है कि वह अपने फार्महाउस के वॉशरूम में फिल्मफेयर अवार्ड्स का उपयोग दरवाजे के हैंडल के रूप में करते हैं.

उन्होंने दावा किया कि वह फिल्मफेयर अवॉर्ड्स को दरवाजे के हैंडल के रूप में इस्तेमाल करते हैं. नसीरुद्दीन शाह के अनुसार,'कोई भी अभिनेता जिसने अपना जीवन और प्रयास एक किरदार निभाने में लगा दिया, वह एक अच्छा अभिनेता है. यदि आप बहुत से एक व्यक्ति को चुनते हैं और कहते हैं कि 'यह वर्ष का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता है', तो यह कैसे उचित है? मुझे उन पुरस्कारों पर गर्व नहीं है. मुझे मिले पिछले दो पुरस्कारों को लेने भी मैं नहीं गया था. इसलिए जब मैंने एक फार्महाउस बनाया तो मैंने इन पुरस्कारों को वहां रखने का फैसला किया. जो भी वॉशरूम जाएगा उसे दो-दो अवॉर्ड मिलेंगे क्योंकि हैंडल फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के बने हैं'.

उन्होंने आगे कहा, 'मुझे इन ट्रॉफियों में कोई मूल्य नहीं मिला. जब मुझे शुरुआती ये सब मिले तो मैं खुश था. लेकिन फिर मेरे चारों ओर ट्रॉफियां जमा होने लगीं. देर-सवेर मैं समझ गया कि ये पुरस्कार लॉबिंग का परिणाम हैं. किसी को ये पुरस्कार उनकी योग्यता के कारण नहीं मिल रहे हैं. इसलिए मैंने उन्हें पीछे छोड़ना शुरू कर दिया. उसके बाद जब मुझे पद्म श्री और पद्म भूषण मिला तो मुझे अपने दिवंगत पिता की याद आ गई जो हमेशा मेरी नौकरी को लेकर चिंतित रहते थे. और कहते थे कि 'यह फालतू का काम करोगे तो मूर्ख बन जाओगे'. इसलिए, जब मैं पुरस्कार लेने के लिए राष्ट्रपति भवन गया तो मैंने ऊपर देखा और अपने पिताजी से पूछा कि क्या वह यह सब देख रहे हैं, वह थे... और मुझे यकीन है कि वह खुश थे... मैं उन पुरस्कारों को पाकर खुश था. लेकिन मैं इन प्रतिस्पर्धी पुरस्कारों को बर्दाश्त नहीं कर सकता.

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