मुंबई: फिल्म एक्ट्रेस और निर्देशक नंदिता दास फिल्मों के साथ ही सामाजिकता में भी हमेशा आगे रहती हैं. महिलाओं के कल्याण और लैंगिक समानता के प्रति भावुक रहती हैं, उन मुश्किल मुद्दों से निपटने में लगी रहती हैं, जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता. दिल्ली में आईएलएसएस इमर्जिग वीमेन्स लीडरशिप प्रोग्राम में एक्ट्रेस शामिल हुईं और उन्होंने फिल्म 'सुनो उसकी बात' के बारे में बात की.
उन्होंने विशेष रूप से कपिल शर्मा अभिनीत उनकी फिल्म 'ज्विगाटो' में ऐसा ही किया है. फिल्म कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के तहत जीवन की जटिलताओं के विषय के इर्द-गिर्द घूमती है, बेटे विहान के साथ घर पर रहने और घरेलू हिंसा का सामना करने के दौरान अधिक बोझ होने के मुद्दे पर आधारित है. नंदिता ने कहा 'एक सुबह मैं उठी और अखबार के एक लेख को पढ़ा, उसमें लिखा था कि कैसे तालाबंदी (लॉकडाउन) के दौरान महिलाओं पर अधिक बोझ डाला गया.
उन्होंने कहा कि मैं उन विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग की महिलाओं के बारे में बात कर रही हूं, जो जूम मीटिंग के सहारे रहीं और अपने बच्चों की देखभाल करती रहीं, घर में खाना बनाती रहीं. नंदिता ने कहा न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में घरेलू हिंसा बढ़ रही थी. अगर हम कहते हैं कि घरेलू हिंसा एक निश्चित वर्ग में मौजूद है, तो हम जानते हैं कि यह सच नहीं है, यह सभी वर्गो में है. मुझे यह स्वीकार करने में डर लगेगा. न केवल गरीब वर्गो में बल्कि सभी वर्गो में और शायद एक अजीब और अधिक सूक्ष्म तरीके से काम का बोझ है.