मुंबई :बॉलीवुड एक्टरनवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पहली पत्नी जैनब के बीच एक पारिवारिक झगड़ा था. उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार नियम और शर्तों पर समझौता किया. वहीं, आज बुधवार को हाई कोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस शर्मिला देशमुख की खंडपीठ के समक्ष मकान खर्च और अन्य लंबित बिलों की अहम सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी को पेंडिंग बिल अपनी पत्नी को चुकाने का निर्देश दिया. हालांकि, पत्नी की ओर से याचिका में उठाया गया लॉन्ड्री बिल भी लंबित है. इस बात पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा, 'लॉन्ड्री के बिल के लिए कोर्ट का समय न लें.'
बॉलीवुड स्टार नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पहली पत्नी जैनब की शादी हुई थी. पारिवारिक झगड़े के बाद पत्नी जैनब और नवाज के भाई समसुद्दीन ने सोशल मीडिया पर कई अपमानजनक जानकारियां प्रसारित कीं. लिहाजा बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने नवाजुद्दीन सिद्दीकी के जरिए उनकी पत्नी जैनब और छोटे भाई समसुद्दीन के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का दावा किया गया.
इतनी बड़ी रकम का दावा करने के बाद भाई समसुद्दीन और उनकी पहली पत्नी ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उसके बाद हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे की बेंच के समक्ष पिछली सुनवाई के दौरान सेटलमेंट को अंतिम रूप दिया गया. सेटलमेंट की नियम व शर्तें भी तय की गईं. जिसे दोनों पक्षों को इसका पालन करना था और हैं.
उस सेटलमेंट में परिवार का घर खर्च, बच्चों की पढ़ाई और बाकी सभी खर्च पति नवाजुद्दीन सिद्दीकी उठाएंगे. यह भी तय हुआ कि पत्नी ज़ैनब सारे झगड़े भुलाकर एक दूसरे का सहयोग करें. हालांकि पत्नी की ओर से आज उसके वकीलों ने कोर्ट में लॉन्ड्री बिल दाखिल किया है. इस मुद्दे को लेकर जस्टिस रेवती मोहिते डेरे ने नाराजगी जताई है. उन्होंने वकीलों से कहा, 'हाई कोर्ट में न केवल घर में कपड़े धोने और छोटी-छोटी चीजों के बिल भरने के मामले है, बल्कि इससे भी कई सारे मामले हैं. नवाजुद्दीन सिद्दीकी के वकील रिजवान अदनान सिद्दीकी को हिदायत दी गई कि ''जो कुछ भी बकाया है, उसे जल्दी चुका दें.' एक्टर के वकील ने बताया है कि हमने कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया कि म खर्च किए गए बिलों को जमा करेंगे और लंबित बिलों का भुगतान तुरंत करेंगे.
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