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Manoj Bajpayee: 'सिर्फ एक बंदा काफी है' के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुंचे मनोज बाजपेयी, बोले- रील और रियल है अलग

हाल ही में बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी अपनी फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुंचे. जहां ईटीवी भारत की रिपोर्टर अपर्णा शुक्ला ने मनोज बाजपेयी का इंटरव्यू लिया जिसमें उन्होंने फिल्म के बारे में जानकारी दी.

Sirf ek banda kafi hai promotion
'सिर्फ एक बंदा काफी है' के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुंचे मनोज बाजपेयी

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Published : Jun 13, 2023, 8:34 PM IST

लखनऊ: फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग से बॉलीवुड इंडस्ट्री और दर्शकों के दिलों में राज करने वाले बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी मंगलवार को अपनी अपकमिंग फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुंचे. यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 23 मई को रिलीज हो चुकी है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी ने बताया कि उनका फेवरेट डिश बाटी चोखा है. बता दें कि एक्टर मनोज बाजपेई बिहार के रहने वाले हैं.

'सिर्फ एक बंदा काफी है' के लिए लखनऊ पहुंचे मनोज बाजपेयी

मनोज बाजपेई ने बातचीत के दौरान बताया कि रील और रियल लाइफ दोनों में बहुत अंतर होता है. 30 सेकंड के रील में अभिनय करके कोई बड़ा अभिनेता नहीं बन सकता है. अभिनेता बनने के लिए कला का गुण होना चाहिए. सोशल मीडिया एक प्लेटफार्म है जहां पर सभी अपना टैलेंट दिखाते हैं. बहुत से युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए प्लेटफार्म मिला है और उनका करियर बना है. लेकिन यह सिर्फ कुछ पल की ही खुशी होती है. उन्होंने कहा कि एक काबिल और बड़ा अभिनेता बनने के लिए थिएटर में अभिनय का गुण सीखना बहुत जरूरी है. थिएटर हमें अपने की बारीकियों से रूबरू कराता है. हमारे अंदर की कला को उभारता है.

'सिर्फ एक बंदा काफी है' फिल्म के लिए मनोज बाजपेयी ने दिया इंटरव्यू
'सिर्फ एक बंदा काफी है' फिल्म अपूर्व सिंह कार्की के निर्देशन में बनी हैं. इस फिल्म में पद्मश्री और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मनोज बाजपेयी ने मुख्य किरदार निभाया हैं. इस फिल्म को दर्शकों की एक समान तारीफ मिली है. विनोद भानुशाली की भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड, जी स्टूडियोज और सुपर्ण एस वर्मा द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्म, 'सिर्फ एक बंदा काफी है' की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है.फिल्म की कहानी... यह फिल्म एक कोर्टरूम ड्रामा है. जिसमें मनोज बाजपेयी ने पीसी सोलंकी नाम के एक वकील की भूमिका निभाई है. यह कहानी एक आम इंसान की है जो पेशे से हाई कोर्ट में वकील है, और अपने बलबूते पर देश में भगवान का दर्जा पाने वाले सबसे बड़े धर्मगुरु के खिलाफ एक असाधारण मुकदमा लड़ता है, जिसे अंत में उस धर्मगुरु को पॉक्सो एक्ट के तहत एक नाबालिग के बलात्कार के जुर्म की सजा दिलाने में कामयाबी मिलती है.लखनऊ पहुंच कोनेश्वर मंदिर में किया दर्शनमनोज बाजपेयी फिल्म की सफलता के बाद भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए कोनेश्वर मंदिर पहुंचे, और यहां उन्होंने फिल्म का प्रमोशन भी किया. उन्होंने नेशनल पीजी कॉलेज में छात्रों से भी बातचीत की और कुछ छात्रों ने उनकी फिल्मों के अपने पसंदीदा दृश्यों का अभिनय किया. अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा कि 'सिर्फ एक बंदा काफी है' की कहानी हमारे समाज में महिलाओं की हिफाजत के बेहद अहम मुद्दे से जुड़ी है. यह हमारे समाज का आईना है और बेहद कड़वी सच्चाई को दर्शाता है. इस फिल्म का विषय बेहद संवेदनशील है, इसी वजह से इस कहानी को दर्शकों तक पहुंचाने में हमें कई सालों तक कड़ी मेहनत और रिसर्च करनी पड़ी.

हमें खुशी है कि दर्शकों ने फिल्म की कहानी से जुड़ाव महसूस किया और फिल्म से उन्हें प्रेरणा मिली. यह हमारे लिए गौरव का लम्हा है, क्योंकि इस फिल्म को लोगों की शानदार प्रतिक्रिया और भरपूर तारीफ मिल रही है. उम्मीद है कि यह पॉजिटिव रिएक्शन आगे भी देखने को मिलेगा. ओटीटी पर अब हिंदी, तमिल और तेलुगु में 'सिर्फ एक बंदा काफी है' की स्ट्रीमिंग का आनंद ले सकेंगे. उन्होंने कहा कि फिल्म ओटीटी पर उपलब्ध है इस फिल्म को दर्शक देखने के लिए पहुंचे और अगर घर बैठे देखना है तो सब्क्रप्रिशन लेकर मूवी को देखें.

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