मुंबई:साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और एक्टर महेश बाबू के पिता कृष्णा अब हमारे बीच नहीं रहे. उनका जाना फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है. साउथ फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही बॉलीवुड में भी शोक की लहर दौड़ गई. कई बड़े सितारों ने उनकी निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. अपने पांच दशक के करियर में उन्होंने 350 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया. उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया. सुपरस्टार कृष्णा को साउथ का 'जेम्स बॉन्ड' कहा जाता था. आईए जानते हैं कई दशकों तक सिनेमा पर राज करने वाले सुपरस्टार के विषय में खास बातें.
बता दें कि कृष्णा ने कुला गोथरालु (1961), पडांडी मुंधुकु (1962), और परुवु प्रतिष्ठा (1963) जैसी फिल्मों में छोटी भूमिकाओं के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने 1965 की फिल्म 'थेने मनसुलु' के साथ मुख्य अभिनेता के रूप में शुरुआत की और साक्षी (1967) जैसी फिल्मों में अभिनय किया, जिसने 1968 में ताशकंद फिल्म समारोह में आलोचनात्मक प्रशंसा हासिल की.
दिग्गज एक्टर ने 1972 में पंडंती कपूरम में अभिनय किया, जिसने उस वर्ष के लिए तेलुगू में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया. उन्होंने पौराणिक, नाटक, पश्चिमी, फंतासी, एक्शन, जासूसी और ऐतिहासिक फिल्मों सहित विभिन्न शैलियों में भूमिकाएं निभाई हैं. कृष्णा को तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में कई तकनीकी पहली फिल्मों का निर्माण करने का श्रेय दिया जाता है, जैसे पहली सिनेमैस्कोप फिल्म 'अल्लूरी सीताराम राजू' (1974), पहली ईस्टमैनकलर फिल्म - 'इनाडु' (1982), पहली 70 मिमी फिल्म - 'सिम्हासनम' (1986), पहली डीटीएस फिल्म - 'तेलुगू वीरा लेवारा' (1995) और तेलुगू स्क्रीन पर काउबॉय शैली का परिचय.