मुंबई: 53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) 'मैकेबर ड्रीम्स' में इस बारहॉरर फिल्मों का एक स्पेशल पैकेज होगा. अमेरिकी फिल्म निमार्ता जॉन कारपेंटर का कहना है कि डर एक सार्वभौमिक भाषा है, हम सबको डर लगता है और हम जन्म से ही डरने लगते हैं. मृत्यु, विकृति, प्रियजनों के खो जाने समेत हमें कई चीजों से डर लगता है. हर उस चीज से जिससे मुझे डर लगता है, आप भी उससे डरते हैं, आप जिन चीजों से डरते हैं, मैं भी उनसे डरता हूं.
जॉन कारपेंटर को 'हॉरर फिल्मों का उस्ताद' कहा जाता है 'ड्रैकुला' से लेकर 'दि एक्जॉरसिस्ट' तक या 'हेरेडिटरी' से लेकर 'द कॉन्जरिंग' तक, सनसनी पैदा कर देने वाली इन हॉरर फिल्मों ने दुनिया भर के सिने-प्रेमियों का ध्यान खींचा है. 53वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में कई बेहतरीन हॉरर फिल्मों को शामिल किया गया है इनमें, नाइट सायरन (स्लोवाकिया 2022) भी है. इस फिल्म का निर्देशन टेरेजा न्वोतोवा ने किया है. यह एक युवती की कहानी है, जो अपने पुश्तैनी पहाड़ी गांव में वापस आती है. वह अपने मुश्किल भरे बचपन के बारे में जानना चाहती है, सवालों के जवाब तलाशना चाहती है. लेकिन, जब वह सच्चाई खोजने की कोशिश करती है, तो पुरानी दुनिया की आहटें आधुनिक वास्तविकता में दखलंदाजी करने लगती हैं. तब गांव के लोग उस पर जादू-टोने और हत्या का आरोप लगाने लगते हैं.
एक अन्य फिल्म हुइसेरा है जो कि डरावनी फिल्म है, जिसका निर्देशन मैक्सिको की फिल्म निमार्ता मिचेल गार्जा सरवेरा ने किया है. वे इस फिल्म की सह-लेखक भी हैं. फिल्म में नतालिया सोलियेन ने एक गर्भवती औरत वेलेरिया का किरदार निभाया है, जिसे जादू-टोने की ताकतें मुसीबत में डाल देती हैं. इस फिल्म को मैक्सिको और पेरू ने मिलकर बनाया है. इसका वर्ल्ड प्रीमियर नौ जुलाई, 2022 को ट्रिबेका फेस्टिवल में हुआ था. उसे सर्वश्रेष्ठ नवीन कथात्मक निर्देशक का और नोरा एफ्रॉन पुरस्कार भी मिले हैं.