दिल्ली

delhi

ETV Bharat / entertainment

Grammy Awards 2023 : क्या है ग्रैमी अवार्ड्स?, ट्रॉफी की कीमत समेत जानें इसके बारे में सबकुछ, भारत की झोली में कितने अवार्ड?

Grammy Awards 2023 : जानिए क्या है ग्रैमी अवार्ड्स और इतनी खास क्यों है इसकी ट्रॉफी? भारत की झोली में अभी तक कितने ग्रैमी अवार्ड्स आए. यहां जानें सबकुछ.

Grammy Awards 2023
ग्रैमी अवार्ड्स 2023

By

Published : Feb 6, 2023, 10:26 AM IST

Updated : Feb 6, 2023, 12:43 PM IST

मुंबई :वर्ल्डवाइड म्यूजिक इंडस्ट्री के सबसे बड़े अवार्ड समारोह ग्रैमी अवार्ड्स (Grammy Awards 2023) का ऐलान हो चुका है. ग्रैमी अवार्ड्स को म्यूजिक की दुनिया का नोबल प्राइज भी कहा जाता है. इसका आयोजन अमेरिका के लॉस एंजिलेस में 5 फरवरी को आयोजित हुआ और कई हस्तियों को इस अवार्ड से नवाजा गया. भारत में इसे 6 फरवरी की 6.30 बजे से देखा गया. इस बार भारत की झोली में तीसरा अवार्ड आया है. म्यूजिक की दुनिया में तीन वार्षिक पुरस्कार आयोजित होते हैं, जिसमें 'अमेरिकन म्यूजिक अवार्ड्स', 'ग्रैमी अवार्ड' और 'बिलबोर्ड म्यूजिक अवार्ड्स' शामिल हैं. जानेंगे, ग्रैमी अवार्ड्स के बारे में और भारत के लिए अभी तक कितने ग्रैमी इकट्ठे हो चुके हैं, इस पर भी एक नजर डालेंगे.

कब शुरू हुआ ग्रैमी अवॉर्ड्स?

आसान भाषा में समझे तो ग्रैमी अवार्डस् की शुरुआत 4 मई 1959 को अमेरिका में हुई. 1959 में आयोजित हुए पहले म्यूजिक अवार्ड्स शो में साल 1958 के ग्रैमी विजेताओं के नाम का ऐलान किया गया था. ग्रैमी अवार्ड्स हर साल संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल एकेडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइंसेज के जरिए दिया जाता है.

ग्रैमी अवॉर्ड की ट्रॉफी के बारे में जानें

ग्रैमी अवार्ड्स ट्रॉफी कई मायनों में खास है. म्यूजिक की दुनिया में हर कलाकार की नजर इस पर रहती है, लेकिन म्यूजिक से प्यार करने वाले लोगों को शायद ही यह बात पता हो कि इसे जॉन बिलिंग (ग्रैमी मेकर) के हाथ से तैयार किया जाता है. इसको खास तरीके से डिजाइन किया गया है. इस ट्रॉफी को ग्रैमियम नामक धातु से बनाया जाता है. इसमें धातु जस्ता (जिंक) मिलाकर बनाया जाता है, फिर फाइनली ऊपर सोन की लेयर से इसे सजाया जाता है. ग्रैमी अवार्ड को 'ग्रामोफोन अवार्ड' भी कहा जाता है.

ट्रॉफी की कीमत ?

बता दें, सेरेमनी में स्टंट ट्रॉफी को इस्तेमाल में लाया जाता है. वहीं, समारोह खत्म होने के बाद ओरिजिनल यानि स्पेशल ट्रॉफी को विजेता के पास भेजा जाता है. हार्पर बाजार मैगजिन के अनुसार, इस ट्रॉफी की कीमत 30 हजार डॉलर है, लेकिन साल दर साल इसकी कीमत में फेरबदल होता रहता है.

भारत की झोली में कितने ग्रैमी अवॉर्ड?
भारत के संदर्भ में बात करें तो इसे पहली बार दिवंगत महान सितार वादक रविशंकर ने अपने नाम किया था. ग्रैमी अवार्ड्स की शुरुआत के 10 साल बाद यानि 1968 में भारत की झोली में पहला ग्रैमी अवार्ड गिरा था.

फिर लहराया भारत का परचम

मौजूदा यानी 65वें ग्रैमी अवार्ड्स समारोह में एक बार फिर भारत का परचम लहराया है. संगीत की दुनिया से भारत के रिकी केज ने अपनी एल्बम 'डिवाइन टाइड्स' से भारत की झोली में एक और ग्रैमी अवार्ड डाला है. रिकी केज की एल्बम को बेस्ट इमर्सिव ऑडियो एल्बम कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था. रिकी ने इस अवार्ड को ब्रिटिश रॉक बैंड 'द पुलिस' के ड्रमर स्टीवर्ट कोपलैंड के साथ साझा किया है. इसी के साथ केज तीन ग्रैमी अवार्ड अपने नाम करने वाले एकमात्र भारतीय बन गए हैं.

बता दें, साल 2015 में रिकी केज ने एल्बम 'विंड्स ऑफ समसारा' से पहली बार ग्रैमी अवॉर्ड जीता था. साल 2021 में रिलीज हुए उनके चर्चित एल्बम 'डिवाइन टाइड्स' में नौ गाने और आठ म्यूजिक वीडियो हैं.

रिकी केज ने तीसरी बार जीता है अवार्ड

रिकी केज के बारे में जानें ?

41 वर्षीय रिकी केज एक इंडियन म्यूजिक कंपोजर हैं. 5 अगस्त 1981 को नॉर्थ कैरोलिना (यूएसए) में उनका जन्म हुआ था. वहीं, 8 साल की उम्र में बेंगलुरू आए और यहां पढ़ाई के दौरान संगीत की शिक्षा ली. उनके रिकॉर्ड लेबल के नाम हैं, रेवोलेशन स्टूडियोज, ऑडियोवर्स म्यूजिक और वर्जिन रिकॉर्ड्स (इंडिया) प्रा. लि.

इस साल रखा म्यूजिक की दुनिया में कदम?

रिकी साल 2000 से म्यूजिक की दुनिया में एक्टिव हैं. वह संयुक्त राष्ट्र हेडक्वार्टर समेत दुनियाभर के 30 से ज्यादा देशों में परफॉर्म कर चुके हैं, जहां वह 100 से ज्यादा अवार्ड अपने नाम कर चुके हैं. साल 2022 में रिकी को यूएनएचसीआर ( United Nations High Commissioner for Refugees) का गुडविल एंबेसडर बनाया गया था.

इतना ही नहीं, उन्हें यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन आर्टिस्ट और यूथ आइकॉन ऑफ इंडिया के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है.

ये भी पढे़ं : बेंगलुरू के संगीतकार रिक्की केज़ को मिला दूसरा ग्रैमी पुरस्कार

Last Updated : Feb 6, 2023, 12:43 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details