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मंगल ग्रह का तो पता नहीं लेकिन अनदेखी दुनिया की सैर जरूर कराएगी 'अवतार-2', इन वजहों से देखें

Avatar The Way of Water movie review: 'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' आपको अलग दुनिया में ले जाएगी. आपको इन खास वजहों से इस फिल्म को जरूर देखना चाहिए.

Avatar The Way of Water review
अवतार द वे ऑफ वॉटर

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Published : Dec 15, 2022, 5:33 PM IST

हैदराबाद :हॉलीवुड की मच अवेटेड फिल्म'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' (Avatar The Way of Water movie Review) या फिर आप इसे 'अवतार-2' भी कह सकते हैं, जो भारत में आगामी 16 दिसंबर को रिलीज होने जा रही है. फिल्म की एडवांस बुकिंग में जबरदस्त कमाई हो चुकी है और अब दर्शक अपनी कुर्सी की पेटी बांधने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले नजर डालते हैं फिल्म के रिव्यू पर. मानते हैं कि फिल्म को देखने की एक ही वजह है कि इसे मेगाब्लॉकबस्टर फिल्म 'टाइटैनिक' फेम डायरेक्टर जेम्स कैमरून ने डायरेक्ट किया है, लेकिन यकीन मानिए रिव्यू पढ़ने के बाद हमें नहीं लगता है कि आप 16 दिसंबर यानि 1 दिन का भी इंतजार कर पाएंगे. रिव्यू में हम आपको वो वजह बताएंगे जो आपको फिल्म देखने के लिए मजबूर कर देंगी. अगर आपने फिल्म का साल 2009 में आया पहला भाग नहीं देखा है, तो आज (15 दिसंबर) का दिन ही बचा है, तुरंत देख ले. वो इसलिए क्योंकि आपको फिल्म के दूसरे भाग को समझने के लिए दिमाग के घोड़े ज्यादा नहीं दौड़ाने होंगे.

अवतार द वे ऑफ वॉटर में फीमेल किरदार

चलिए शुरू करते हैं आखिर क्यों देखनी चाहिए फिल्म

'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' को आप 'अवतार-2' मानें, क्योंकि आगे हम इसी नाम से फिल्म की कहानी को बढ़ाने जा रहे हैं. डायरेक्टर जेम्स कैमरून बहुत चालक और तेज बुद्धि के हैं, यह हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि फिल्म 'अवतार-2' की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां से पहली फिल्म ने दम तोड़ा था. जेम्स ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि जिन दर्शकों ने फिल्म का पहला भाग देखा है, उन्हें फिल्म 'करण-अर्जुन' के शाहरुख-सलमान की तरह पिछले जन्म की सारी कहानी दिमाग में तेजी से दौड़ जाएगी.

हां, तो हम बता रहे थे कि पहली अवतार के अंत सीन में पैंडोरा गृह (जैक सूली और उसकी प्रजाति की दुनिया) से इंसानी दानवों के जाने के बाद सुरक्षित है, लेकिन ढीठ कर्नल क्वारिच (फिल्म का मुख्य विलेन) अपनी हार के बाद भी चैन से नहीं बैठता है और एक फिर बार जैक सूली और उसकी प्रजाति को खत्म कर पैंडोरा गृह को अपने वश में करना चाहता है. इस बार जैक सूली और उसका समुदाय कैसे इस दानव कर्नल क्वारिच का सामना करेगा? क्या कर्नल क्वारिच इस बार अपने अमानवीय टागरेट को पूरा कर पाएगा और क्या जैक (फिल्म का वो अहम किरदार जिसे मशीन द्वारा जैक सूली बनाकर पैंडोरा गृह में भेजा जाता है) की कोई मदद करेगा या नहीं? ऐसी ही कई वजह से जो यह फिल्म देखने के लिए मजूबर करेंगी.

फिल्म की खास बातें

पहले आपको एक बात बता दें, साल 2009 का दौर सोशल मीडिया और मोबाइल वाला दौर नहीं था और लोग इतने हाईटेक और एडवांस भी नहीं थे. इसलिए फिल्म अवतार (2009) का अनुभव उस दौर का सबसे विचित्र सिनेमाई अनुभव था, जो कि लोगों के लिए नया था. 13 साल पहले रिलीज हुई फिल्म 'अवतार' का दूसरा भाग अपने तकनीक पक्ष में और भी ज्यादा एडवांस और मजबूत है, क्योंकि इन 13 सालों में टेक्नोलॉजी ने कितना विस्तार किया है, बताने की जरूरत नहीं है. 'अवतार -2' अपने रियल वीएफएक्स और रोंगटे खड़े कर देने वाले विजुअल्स से ताली और सीटी बजाने पर मजबूर कर देगी.

अवतार द वे ऑफ वॉटर का क्लाइमेक्स सीन

सबसे खास बात यह है कि जहां फिल्म के पहले पार्ट की पूरी पटकथा जंगल में ही निपटा दी थी, वहीं 'अवतार-2' पानी के अंदर बेमिशाल जंग का अनुभव देगी. पहले वाले की तरह फिल्म का दूसरा पार्ट भी इमोशनल कनेक्शन के साथ पेश है, जो आपकी आंखें यकीनन गीली करने वाली है.

फिल्म की कमियां

फिल्म की लंबाई करीब 192 मिनट है, लेकिन जो सिनेमा के शौकीन हैं. वो 4 घंटे की फिल्म देखने भी सिनेमाघरों में जाएंगे. फिल्म अपने लय में पहुंचने में थोड़ा समय जरूत लेती हैं, लेकिन इस फिल्म को अच्छे से समझाने के लिए जेम्स कैमरून ने कोई ढील नहीं छोड़ी है. शुरुआत में फिल्म को स्लो करने का मकसद दर्शकों को फिल्म को बारीकी से समझाने का है. इसलिए फिल्म की इन कमियों पर ध्यान ना ही दिया जाए तो ठीक होगा.

देखें या नहीं...यहां जानें

इसमें कोई दो राय नहीं है कि 'अवतार द वे ऑफ वॉटर' आपको नया सिनेमाई एक्सपीरियंस देगी. तकरीबन 2 हजार करोड़ में तैयार हुई फिल्म कैसी होगी सोचने की ज्यादा जरूरत नहीं है. इतने बजट में बॉलीवुड की 4 से 6 फिल्म बिग बजट फिल्में बन जाती हैं, जिसमें ना तो कहानी का पता होता है और ना ही उनकी डायरेक्शन में दम.

'अवतार द वे ऑफ वॉटर' ग्लोबल सिनेमा को नई उंचाई पर ले जाने वाली फिल्म है. आपको एक सलाह जरूर देना चाहेंगे कि वीएफएक्स और रोंगटे खड़े कर देने वाली इस फिल्म को आईमैक्स स्क्रीन्स नहीं तो, कम से कम 3डी में जरूर देंगे. यकीन मानों ऐसा लगेगा कि आप भी फिल्म के एक किरदार हैं और उनके मिशन में शामिल होकर उनका साथ दे रह हैं. आईमैक्स स्क्रीन्स या 3डी में इस फिल्म को देखना आपके लिए किसी मैजिक से कम नहीं होगा.

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