जयपुर. अभिनेत्री हंसिका मोटवानी की शाही शादी जयपुर के नजदीक 450 साल पुराने किले में रस्मों के बीच जारी है. शुक्रवार सुबह हंसिका की मेहंदी की रस्म शुरू हुई. लाल रंग के जोड़े में हंसिका सोफे पर बैठ कर (Mehndi Ceremony at Jaipur) मेहंदी लगवाती हुई नजर आईं. वह इस दौरान दोनों हाथों को ऊपर उठा कर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के गाने मेहंदी लगा कर रखना पर थिरकने की कोशिश करती दिखीं.
इस दरमियान हंसिका के साथ उनके मंगेतर सोहेल कथूरिया भी नजर आए. सोहेल ने पीच कलर का पठानी सूट (Hansika Sohail Wedding) पहना हुआ था. दोनों के बीच मेहंदी की रस्म के दौरान जोरदार बॉन्डिंग देखने को मिली. फ्यूचर कपल की खुशी देखते ही बन रही थी. 20 नवंबर को बॉलीवुड एक्ट्रेस हंसिका मोटवानी मुंडोता फोर्ट और पैलेस पहुंची थीं, जहां उन्होंने पोलो मैच देखने के साथ लंच भी किया. इस दौरान उन्होंने पैलेस स्टाफ के साथ अपनी शादी की तैयारियों को लेकर प्लानिंग भी की. इसके पहले गुरुवार शाम जयपुर के मुंडोता फोर्ट पहुंची हंसिका का राजस्थानी अंदाज में स्वागत किया गया. इस दौरान होटल स्टाफ ने उनके लिए केक तैयार किया था.
टेंट में पहुंचकर लगाए ठुमके- तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में हंसिका की हैसियत एक मशहूर अदाकारा के रूप में रही है. जैसे ही हंसिका मुंडोता पहुंचती हैं, तो उनके स्वागत में मेहमाननवाजी के लिए लगाए गए टेंट में एक गाने पर थिरकती हुई नजर आती हैं. 9 सेकंड की वीडियो क्लिप में उनका उत्साह देखा जा सकता है. हंसिका गुरुवार को फ्लोरल जंपसूट में जयपुर एयरपोर्ट पहुंची थीं.
अभिनेत्री हंसिका मोटवानी. पढ़ें-डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए जयपुर पहुंची हंसिका मोटवानी, मुंडोता किले में 4 तारीख को सोहेल संग रचाएंगी शादी
रोशनी से नहाया मुंडोतागढ़ -अरावली की पहाड़ियों पर बने मूंडोता गढ़ की खूबसूरती का हर कोई कायल है. इसके आसपास के खेत खलियान, लंबा चौड़ा पोलो का मैदान और गढ़ के नजदीक बनी हवेली और गेस्ट टेंट कैंप यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं. गुरुवार शाम रंग बरंगी रोशनी से सजा गढ़ मेहमानों के स्वागत में बाहें खोलता हुआ नजर आया. तलहटी में शादी समारोह के लिए फूलों की सजावट के बीच रोशनी ने गढ़ की खूबसूरती में चार चांद लगा दिए.
गौरतलब है कि डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए राजस्थान में पुराने गढ़ किलों को सजाकर टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए वेडिंग सीजन को एक सौगात के रूप में देखा जा रहा है. एक साल पहले ही सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा में अभिनेत्री कैटरना कैफ और अभिनेता विकी कौशल की शादी भी ऐसे ही पुराने किले में की गई थी. वही देश विदेश से भी लोग इन किलो की खूबसूरती से आकर्षित होकर निजी कार्यक्रमों में लगातार शिरकत करने राजस्थान पहुंचते हैं.
वॉर फोर्ट बना लग्जरी होटल : मुंडोता किले के सालों लंबे चले जीर्णोद्धार के बाद यह जगह आज देश के लक्जरी हेरिटेज पोलो रिसॉर्ट का हिस्सा है. किले के नीचे बने पैलेस के सभी कमरों में इतिहास की झलक दिखाई देती है. यहां के सभी कमरों से मुंडोता फोर्ट का सीधा नजारा (Mundota Fort in Jaipur) दिखाई देता है. इस पैलेस में बेहतरीन कमरों के साथ-साथ स्विमिंग पूल की सुविधा भी उपलब्ध है. ये महल डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए फेमस है, इसलिए यहां लोगों की खूब रौनक होती है. इस शानदार 5-सितारा संपत्ति वाले वार फोर्ट में कुल 5 सुइट हैं. अच्छी बात ये है कि इतना पुराना होने के बावजूद इस फोर्ट का असली ढांचा आज भी उतना ही आकर्षक लगता है.
शादी के लिए की गई खास तैयारियां. पढ़ें :Hansika Sohail Wedding: मुंडोता पैलेस की मुरीद हुई हंसिका, यूं किया खुशी का इजहार!
मुंडोता पोलो ग्राउंड भी जबरदस्त आकर्षण का केंद्र है. इस पैलेस में ठहरने के खर्च में (Actress Hansika Motwani Royal Wedding) पोलो ग्राउंड का टूर भी जुड़ा होता है. पोलो ग्राउंड में आप देशभर के बेमिसाल घोड़ों को देख सकते हैं. यदि आप घुड़सवारी करना चाहते हैं तो यहां उसकी भी पूरी व्यवस्था की गई है. कुल मिलाकर इस हेरिटेज होटल में आपको मॉडर्न तरीके से राजसी ठाठ-बाठ एन्जॉय करने का मौका मिलता है.
मुंडोता किले का इतिहास रहा है गौरवशाली :450 से भी ज्यादा लंबे इतिहास का गवाह मुंडोता का यह किला (History of Mundota Fort) खूबसूरती के साथ गौरवशाली विरासत का धनी है. जानकारों के मुताबिक 14वीं शताब्दी की शुरुआत में नरुका राजपूतों ने कालवाड़ गांव से एक कोस की दूरी पर अरावली की चोटी पर किले का निर्माण किया था. यह किला स्थापत्य कला के नायाब नमूनों में से एक है. इसका डिजाइन आज एक होटल के रूप में भी प्रासंगिक होकर दिख रहा है.
रोशनी से नहाया मुंडोता किला. बताया जाता है कि सदियों तक जयपुर शहर पर पश्चिम की तरफ से होने वाले हमलों से निपटने के लिए इस किले को पहली रक्षा पंक्ति के रूप में जयपुर दरबार से पहचान मिली थी. किले के नीचे बना महल 15वीं शताब्दी के आखिर में जयपुर के राज परिवार के भाई नाथ जी, जिनके नाम से आगे जाकर नाथावत वंश की स्थापना हुई, की ओर से किया गया था. नाथ जी आमेर के राजा पृथ्वीराज के प्रपोत्र थे. मुंडोता के इस किले से काबुल, गजनी, काकौर, मवांडा और पंचोल जैसे युद्ध लड़े गए.