यंग फार्मर की साउथ एक्टर जयराम ने की बड़ी मदद, ये सुपरस्टार्स भी आए आगे - एक्टर जयराम
Actor Jayaram Help Teen Farmer : साउथ एक्टर जयराम ने एक यंग किसान की बड़ी मदद की है. 'अब्राहम ओजलर' ट्रेलर इवेंट के लिए आवंटित धनराशि को एक्टर ने यंग किसान को दान कर दी. किसान की 13 गायें फूड पॉइजनिंग से मर गईं थीं.
इडुक्की: इसमें कोई शक नहीं कि साउथ एक्टर्स अक्सर मदद को आगे रहते हैं. ऐसे में साउथ सुपरस्टार जयराम एक यंग किसान की मदद के लिए आगे आए हैं और वह सभी का दिल जीत लिए हैं. जी हां! दो दिन पहले एक यंग डेयरी किसान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा, जिसमें 20 गायों में से 13 की मौत फूड पॉइजनिंग से हो गई थी. केरल सरकार भी यंग किसान की मदद को आगे आई है. इस बीच अभिनेता जयराम ने भी केरल के किसान की मदद के लिए हाथ बढ़ाया. एनिमल लवर एक्टर जयराम किसान के घर पहुंचे और उन्होंने उसे राशि सौंपी.
एक्टर ने ऐसे की मदद बता दें कि एक्टर ने नई गायें खरीदने और अपने फार्म के फिर से निर्माण के लिए यंग फार्मर मैथ्यू के घर पहुंचे और उसे 5 लाख रुपये से अधिक का चेक सौंपा. जयराम ने कहा कि मलयालम फिल्म 'अब्राहम ओजलर' के फिल्म क्रू ने 4 जनवरी को निर्धारित ट्रेलर लॉन्च प्रोग्राम को कैंसिल करने का ऑप्शन चुना है और इसके बजाय इसके लिए आवंटित 5 लाख रुपये मैथ्यू के परिवार को दान करने का फैसला किया.
ये सुपरस्टार्स भी करेंगे मदद जयराम ने मैथ्यू को बताया कि अभिनेता ममूटी और पृथ्वीराज भी क्रमश 1 लाख रुपये और 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देंगे. चेक सौंपने के बाद अभिनेता जयराम ने किसान और उसके परिवार को उनकी प्रिय गायों की मौत पर सांत्वना देते हुए कहा कि जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा. उन्होंने किसान से यह भी कहा कि वह तमिलनाडु के कृष्णागिरी से उच्च नस्ल की गायें अच्छी कीमत में खरीदने में उनकी मदद करेंगे.
फूड पॉइजनिंग से मर गई थीं मैथ्यू की 13 गायें मैथ्यू की 20 गायों में से तेरह की रविवार को मौत हो गई, जिसके बाद वह परेशान हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्रारंभिक रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मवेशी चारे के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली टैपिओका (त्वचा में मौजूद हाइड्रोसायनिक एसिड) नामक जहरीले पदार्थ से प्रभावित हो गए थे. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि 'जीवित बची तीन गायों का इलाज चल रहा है, जबकि एक गाय बच गई है'. मैथ्यू द्वारा किए गए नुकसान का अनुमान लगभग 6 लाख रुपये है. अधिकारियों ने कहा कि दुर्भाग्य से, परिवार ने गायों का बीमा नहीं कराया था. वह लड़का, जिसने दो साल पहले अपने पिता के असामयिक निधन के बाद 13 साल की उम्र में खेत संभाला था.
वहीं, मैथ्यू पारंपरिक पशु चारे के किफायती विकल्प के रूप में टैपिओका की पत्तियों पर निर्भर था. मैथ्यू का भाई जॉर्ज और छोटी बहन खेती में उसकी मदद करते हैं. राज्य के मंत्री जे चिंचू रानी और रोशी ऑगस्टीन ने भी युवा किसान 15 वर्षीय मैथ्यू से मुलाकात की. आज सुबह वेल्लियामट्टम गांव में मैथ्यू के घर पहुंचे और राज्य सरकार की ओर से समर्थन और सहायता की पेशकश की.