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बच्चों को जरूर दिखाएं ये शानदार फिल्में, जो सफलता के लिए देती हैं संघर्ष करने की सीख

गर्मी की छुट्टियों का मतलब है ढेर सारी मस्ती और मस्ती...ऐसे में हिंदी में बनी कुछ शानदार फिल्में हैं, जो कि बच्चों के लिए बेस्ट हैं. ये फिल्में बच्चों के लिए बेस्ट इसलिए भी हैं क्योंकि ये फिल्में प्रेरणा, जोश, जज्बा के साथ-साथ जिंदगी को एक अलग तरीके से देखने का नजरिया देती हैं.

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शानदार फिल्में

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Published : Jun 4, 2022, 7:10 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 4:55 PM IST

मुंबईःगर्मी की छुट्टियां चल रही हैं. इस दौरान बच्चे स्कूल और घर की दुनिया से अलग मस्ती और खेलकूद की एक अलग ही दुनिया में रहते हैं. हालांकि, बच्चों के इन कुछ दिनों को उनके पेरेंट्स बेहतरीन तरीके से बिताने के लिए समर कैंप, स्पोर्टस व अन्य तरीकों में उलझाते हैं. ऐसे में बॉलीवुड की कुछ शानदार फिल्में हैं जो बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए बेस्ट है. पेरेंट्स को इन फिल्मों को एक बार बच्चों को जरूर दिखाना चाहिए, ताकि उनको जीवन में एक नया नजरिया मिले.

1. जो जीता वही सिकंदर (1992): में बनी खेल बेस्ड हिन्दी फिल्म है, जिसका निर्देशन मंसूर खान और निर्माण नासिर हुसैन ने किया. फिल्म में आमिर खान, आयशा जुल्का, दीपक तिजोरी, पूजा बेदी, मामिक सिंह और कुलभूषण खरबंदा लीड रोल में हैं. इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म सहित दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे. यह फिल्म शिक्षा देती है कि किस तरह से मुश्किल समय में भी अच्छी चीजों को ठान लेने से जीत मिलना तय होता है.

2. इकबाल (2005) : ये फिल्म बताती है कि हालात चाहें जैसे भी हों हमें उससे डटकर मुकाबला करना चाहिए. हार्ड वर्क और मजबूत संकल्प से सबकुछ संभव है यह शिक्षा ये फिल्म देती है. यह फिल्म गांव में रहने वाले एक लड़के की है, जो कि बहरा और गूंगा दोनों है. वह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए क्रिकेट खेलने का सपना देखता है. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वह कड़ा संघर्ष करता है और सफल होता है. विपुल कश्मीर रावल द्वारा लिखित और नागेश कुकनूर द्वारा निर्देशित इकबाल में श्रेयस तलपड़े ने मुख्य भूमिका निभाई थी.

3. तारे जमीन पर (2007): तारे जमीन पर एक ऐसे ही बच्‍चे की कहानी है, जो काफी प्रतिभाशाली है. लेकिन माता-पिता समेत किसी को भी उसके आर्ट की पहचान नहीं है. बच्चे के पैरेंट्स उसे बोर्डिग स्‍कूल में भेज देते हैं. बच्चा एक ऐसी बीमारी से जूझता रहता है जिसकी वजह से वो ठीक से पढ़ नहीं पाता है. बोर्डिग स्‍कूल में बच्‍चे की मुलाकात टीचर से होती है जो दुनिया से भी उसके हुनर का सामना करवाते हैं. दरशील सफारी ने फिल्म में बच्चे का वहीं आमिर खान ने टीचर का रोल किया है. लेखक आमूल गुप्ते हैं.

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4. चक दे इंडिया (2007): कबीर खान नाम के व्यक्ति की कहानी है, जो भारतीय हॉकी टीम का श्रेष्ठ सेंटर फॉरवर्ड खिलाड़ी रह चुका था. मैच में कुछ वजहों से उसकी देशभक्ति पर प्रश्नचिह्न लगा दिए गया था. इसके बाद 7 सालों के बाद वह महिला हॉकी टीम का ट्रेनर बनता है और इस टीम को विश्व चैम्पियन बनाकर अपनी असलियत सामने लाता है. यश चोपड़ा की फिल्म में शाहरुख खान ने मुख्य भूमिका निभाई है.

5. स्लमडॉग मिलियनेयर (2008): यह फिल्म दो भाइयों के इर्द गिर्द घूमती जो बचपन में दंगों के दौरान अनाथ और बेघर हो गए थे. फिल्म की पृष्ठभूमि में ज्यादातार मुंबई के झोपड़पट्टी में रहने वाले लोग हैं. दोनों ने तरह-तरह के बुरे लोगों और अनगिनत तरह की मुश्किलों का सामना किया. दोनों भाइयों में से एक ने गलत और दूसरे ने सही रास्ता चुना.

3 इडियट फिल्म

6. 3 ईडियट्स (2009):यह अंग्रेजी उपन्यासकार चेतन भगत के प्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यास 'फ़ाइव प्वांइट समवन' पर बेस्ड है. यह फिल्म काबिल बनने की बजाए कामयाब बनने पर जोर देती है . यह फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ जीवन की कुछ महत्वपूर्ण बातें सिखलाती है और मोटीवेट भी करती है.

7. आई एम कलाम (2011): यह फिल्म राजस्थान में गरीबी और अभाव रह रहे 12 साल के बुद्धिमान लड़के छोटू की है. वह परिवार चलाने के लिए मेहनत भी करता है. एक दिन छोटू भारत के राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को टीवी पर देखता है और उनसे प्रेरित होता है. फिल्म नील माधव पंडा द्वारा निर्देशित व स्माइल फाउंडेशन द्वारा निर्मित है.

8. भाग मिल्खा भाग: (2013)फिल्म फेमस धावक मिल्खा सिंह के जीवन पर बनी है. इस फ़िल्म में दिखाया गया है कि कैसे अपने लक्ष्य को पाने के लिए मिल्खा सिंह रात दिन एक कर मेहनत करते थे. फेमस धावक की बचपन से लेकर फ्लाइंग सिख बनने तक की कहानी खूबसूरती के साथ दिखाया गया है. फिल्म की कहानी छात्रों के लिए प्रेरणा है. 2013 में आई फिल्म का निर्देशन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया है.

9. निल बटे सन्नाटाः (2014) यह फिल्म घरों में काम करने वाली मां और उसकी बेटी की है. मां चाहती है कि बेटी पढ़ लिखकर नाम कमाए मगर बेटी सोचती है कि जो मां करती है वही वह भी करेगी. यह फिल्म बताती है कि सपनों का मर जाना सबसे खतरनाक होता है और इनसान के सपनों के मर जाने से बड़ा कोई दर्द नहीं होता. उस पर विजय पाना और सपनों को पालना फिल्म में दिखाया गया है. अश्विनी अय्यर तिवारी द्वारा निर्देशित कॉमेडी-ड्रामा फिल्म सपनों को जिंदा रखने और पूरा करने की कहानी है.

दंगल फिल्म

10. दंगल(2016):हिन्दी फिल्म का निर्माण आमिर खान और निर्देशन-लेखन नितीश तिवारी ने किया है. इस फ़िल्म में मुख्य किरदार में आमिर खान, साक्षी तंवर, फ़ातिमा सना शेख, जायरा वसीम, सान्या मल्होत्रा और सुहानी भटनागर हैं. यह फिल्म 23 दिसम्बर 2016 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई. दंगल ने लाइफटाइम ₹ 2207.3 करोड़ का जबरदस्त कलेक्शन किया और भारत की दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई.

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Last Updated : Nov 11, 2022, 4:55 PM IST

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